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इस्केमिक हृदय रोग: कारण, लक्षण और उपचार

Hindi
4 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 31, 2025
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आज की व्यस्त जीवनशैली और बदलते खान-पान के तरीकों ने हृदय रोगों को सामान्य बना दिया है। इन हृदय रोगों में से एक प्रमुख रोग है इस्केमिक हृदय रोग। इसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) भी कहा जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है, जो हृदय की रक्त वाहिकाओं में रुकावट के कारण होती है। 

इस्केमिक हृदय रोग क्या है?

इस्केमिक हृदय रोग, जिसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज भी कहते हैं, हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण होता है। यह रुकावट सामान्यतः कोलेस्ट्रॉल, वसा, और अन्य पदार्थों के जमाव के कारण होती है, जिसे प्लाक कहा जाता है। प्लाक जमाव के कारण धमनियाँ संकरी हो जाती हैं और हृदय को पर्याप्त मात्रा में रक्त और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती।

इस्केमिक हृदय रोग के कारण

  1. असंतुलित आहार: ज्यादा वसा और कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार लेने से धमनियों में प्लाक जमाव बढ़ता है।
  2. धूम्रपान: धूम्रपान हृदय की धमनियों को नुकसान पहुँचाता है और प्लाक जमाव को बढ़ाता है।
  3. मधुमेह: मधुमेह से ग्रसित लोगों में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है।
  4. उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप धमनियों की दीवारों को कमजोर कर सकता है, जिससे प्लाक जमाव बढ़ता है।
  5. अनुवांशिक कारण: परिवार में हृदय रोग का इतिहास होने से इस्केमिक हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
  6. शारीरिक निष्क्रियता: नियमित व्यायाम न करने से मोटापा और अन्य हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
  7. अत्यधिक तनाव: तनाव से हृदय की धमनियों पर प्रभाव पड़ता है और रक्तचाप बढ़ता है।

इस्केमिक हृदय रोग के लक्षण

  1. सीने में दर्द: इसे एंजाइना कहते हैं। यह दर्द आमतौर पर छाती के बीच में होता है और दबाव या कसावट जैसा महसूस होता है।
  2. सांस लेने में तकलीफ: हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से सांस लेने में कठिनाई होती है।
  3. थकान: बिना किसी विशेष कारण के अत्यधिक थकान महसूस होना।
  4. दिल की धड़कन तेज होना: अचानक से दिल की धड़कन का बढ़ना।
  5. चक्कर आना: खड़े होने या चलने पर चक्कर आना।

इस्केमिक हृदय रोग का निदान

  1. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी): यह परीक्षण हृदय की विद्युत गतिविधि को मापता है और हृदय की धड़कन में किसी भी अनियमितता का पता लगाता है।
  2. स्ट्रेस टेस्ट: इस टेस्ट में हृदय की धड़कन और रक्तचाप को व्यायाम के दौरान मापा जाता है।
  3. एंजियोग्राम: यह एक विशेष प्रकार का एक्स-रे है, जिसमें धमनियों में एक रंगीन डाई डाली जाती है ताकि किसी भी रुकावट का पता लगाया जा सके।
  4. इकोकार्डियोग्राम: इस परीक्षण में अल्ट्रासाउंड का उपयोग कर हृदय की संरचना और कार्य का अध्ययन किया जाता है।
  5. ब्लड टेस्ट: रक्त में कोलेस्ट्रॉल और शर्करा के स्तर को मापने के लिए।

इस्केमिक हृदय रोग का उपचार

  1. जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से परहेज।
  2. दवाइयाँ: कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयाँ, रक्तचाप नियंत्रित करने वाली दवाइयाँ, और एंटीप्लेटलेट दवाइयाँ।
  3. एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग: संकरी धमनियों को खोलने के लिए एक छोटी ट्यूब (स्टेंट) डालना।
  4. बाईपास सर्जरी: अवरुद्ध धमनियों को बाईपास करने के लिए शिराओं या धमनियों का उपयोग करना।
  5. रिहैबिलिटेशन: हृदय रोगियों के लिए विशेष व्यायाम और जीवनशैली प्रबंधन कार्यक्रम।

इस्केमिक हृदय रोग से बचाव के तरीके

  1. स्वस्थ आहार: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
  2. नियमित व्यायाम: रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
  3. धूम्रपान और शराब से परहेज: धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें।
  4. तनाव प्रबंधन: योग और ध्यान जैसे तकनीकों का उपयोग करें।
  5. नियमित स्वास्थ्य जांच: रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और शर्करा के स्तर को नियमित रूप से जांचें।
इस्केमिक हृदय रोग का प्रबंधन
  1. समय पर दवाइयाँ लेना: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों का नियमित सेवन।
  2. स्वस्थ वजन बनाए रखना: संतुलित आहार और व्यायाम से।
  3. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना: नियमित जांच और दवाइयों से।
  4. डॉक्टर से नियमित परामर्श: हृदय रोग विशेषज्ञ से नियमित जांच और परामर्श।
जीवनशैली में बदलाव का महत्व

इस्केमिक हृदय रोग से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली से न केवल हृदय रोग से बचाव होता है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

स्वस्थ आहार के टिप्स
  1. फल और सब्जियाँ: रोजाना 5 सर्विंग फल और सब्जियाँ खाएं।
  2. साबुत अनाज: सफेद ब्रेड की जगह ब्राउन ब्रेड या साबुत अनाज लें।
  3. कम वसा वाले डेयरी उत्पाद: स्किम्ड दूध, लो-फैट दही और पनीर का सेवन करें।
  4. नमक की मात्रा कम करें: अधिक नमक के सेवन से बचें।
नियमित व्यायाम के लाभ
  1. हृदय स्वास्थ्य में सुधार: व्यायाम हृदय की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
  2. वजन प्रबंधन: व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है।
  3. तनाव में कमी: व्यायाम से मानसिक तनाव कम होता है।
  4. ऊर्जा स्तर में वृद्धि: नियमित व्यायाम से ऊर्जा स्तर बढ़ता है।
धूम्रपान छोड़ने के उपाय
  1. सहायता लें: धूम्रपान छोड़ने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
  2. सहारा समूह: धूम्रपान छोड़ने के लिए सहायता समूह का हिस्सा बनें।
  3. वैकल्पिक तकनीकें: निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरापी या अन्य तकनीकों का उपयोग करें।
  4. सकारात्मक सोच: धूम्रपान छोड़ने के लाभों पर ध्यान दें।
तनाव प्रबंधन के उपाय
  1. योग और ध्यान: रोजाना योग और ध्यान का अभ्यास करें।
  2. गहरी साँस लेना: तनाव कम करने के लिए गहरी साँस लेने की तकनीक का उपयोग करें।
  3. समय प्रबंधन: काम और आराम के बीच संतुलन बनाए रखें।
  4. सकारात्मक गतिविधियाँ: अपने शौक और पसंदीदा गतिविधियों में समय बिताएं।

इस्केमिक हृदय रोग एक गंभीर स्थिति है, लेकिन इसे प्रबंधित और नियंत्रित किया जा सकता है। सही जानकारी, जीवनशैली में बदलाव और नियमित स्वास्थ्य जांच से इस रोग से बचाव संभव है। अपनी सेहत का ध्यान रखें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और हृदय रोगों से सुरक्षित रहें।

FAQs

Q.1 – इस्केमिक हृदय रोग क्या है?

इस्केमिक हृदय रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय की धमनियों में प्लाक जमाव के कारण रक्त प्रवाह में रुकावट होती है।

Q.2 – इस्केमिक हृदय रोग के मुख्य कारण क्या हैं?

मुख्य कारणों में असंतुलित आहार, धूम्रपान, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और अनुवांशिक कारण शामिल हैं।

Q.3 – इस्केमिक हृदय रोग के लक्षण क्या हैं?

मुख्य लक्षणों में सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, थकान, दिल की धड़कन तेज होना और चक्कर आना शामिल हैं।

Q.4 – इस्केमिक हृदय रोग का निदान कैसे होता है?

निदान के लिए ईसीजी, स्ट्रेस टेस्ट, एंजियोग्राम, इकोकार्डियोग्राम और ब्लड टेस्ट का उपयोग किया जाता है।

Q.5 – इस्केमिक हृदय रोग का उपचार कैसे किया जाता है?

उपचार में जीवनशैली में बदलाव, दवाइयाँ, एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग, बाईपास सर्जरी और रिहैबिलिटेशन शामिल हैं।

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