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पित्ताशय में पथरी: कारण, लक्षण, और उपचार

Hindi
4 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 30, 2025
stone-in-gallbladder-in-hindi

पित्ताशय में पथरी (Gallbladder Stone) एक गंभीर और सामान्य समस्या है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इसे गैलस्टोन के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब पित्ताशय में पित्त नामक तरल पदार्थ में ठोस कण बन जाते हैं। पित्ताशय में पथरी का समय पर उपचार न किया जाए तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

पित्ताशय, यकृत के नीचे स्थित एक छोटा अंग है जो पित्त (Bile) को संग्रहित और सघन करता है। पित्त, वसा के पाचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन, या अन्य पदार्थ अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं, तो ये ठोस रूप धारण कर लेते हैं और पथरी का निर्माण करते हैं।

पित्ताशय में पथरी के प्रकार

पित्ताशय में पथरी के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं:

  • कोलेस्ट्रॉल पथरी: यह पथरी पित्त में अधिक कोलेस्ट्रॉल के कारण बनती है और आमतौर पर पीले-हरे रंग की होती है।
  • पिगमेंट पथरी: यह पथरी पित्त में बिलीरुबिन की अधिक मात्रा के कारण बनती है और काले या भूरे रंग की होती है।

पित्ताशय में पथरी के लक्षण

पित्ताशय में पथरी के लक्षण कई हो सकते हैं, जिनमें मुख्यतः शामिल हैं:

  • तेज पेट दर्द: विशेषकर दाहिनी ऊपरी पेट में दर्द होता है जो पीठ और कंधे तक फैल सकता है।
  • मतली और उल्टी: पाचन में गड़बड़ी के कारण।
  • भूख में कमी: खाने की इच्छा कम होना।
  • पीली त्वचा और आंखें: जॉन्डिस का संकेत।
  • गैस और डकार: पेट में भारीपन और असुविधा।

पित्ताशय में पथरी के कारण

पित्ताशय में पथरी के कई कारण हो सकते हैं:

  • अधिक कोलेस्ट्रॉल: पित्त में उच्च मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का होना।
  • अधिक बिलीरुबिन: यकृत में अधिक बिलीरुबिन का उत्पादन।
  • पित्ताशय का पूरी तरह से खाली न होना: पित्ताशय में जमा पित्त का पूरी तरह से बाहर न निकलना।
  • आनुवंशिकता: परिवार में पथरी की समस्या का इतिहास।
  • वजन में तेजी से कमी: अचानक वजन घटने से पित्ताशय में पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।

पित्ताशय में पथरी का निदान

पित्ताशय में पथरी का निदान करने के लिए विभिन्न परीक्षण किए जा सकते हैं:

  • अल्ट्रासाउंड: पित्ताशय में पथरी का पता लगाने के लिए सबसे आम और प्रभावी परीक्षण।
  • सीटी स्कैन: पेट की विस्तृत तस्वीरें लेने के लिए।
  • एमआरआई: पित्ताशय और पित्त नलिकाओं की विस्तृत जानकारी के लिए।
  • एचआईडीए स्कैन: पित्त की प्रवाह का परीक्षण करने के लिए।

पित्ताशय में पथरी का उपचार

पित्ताशय में पथरी के उपचार के कई विकल्प होते हैं:

  • दवाएं: कोलेस्ट्रॉल पथरी को घुलाने के लिए।
  • लिथोट्रिप्सी: ध्वनि तरंगों के माध्यम से पथरी को तोड़ना।
  • ईआरसीपी: पित्त नलिकाओं से पथरी निकालने के लिए।
  • सर्जरी: पित्ताशय को हटाने के लिए (कोलेसिस्टेक्टोमी)। यह सबसे आम और प्रभावी उपचार है।

पित्ताशय में पथरी के साथ जीवनशैली समायोजन

पित्ताशय में पथरी की समस्या से ग्रस्त होने पर जीवनशैली में कुछ समायोजन करना महत्वपूर्ण है:

  • स्वस्थ आहार: अधिक फाइबर और कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन।
  • धूम्रपान से बचना: धूम्रपान से पित्ताशय की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
  • अल्कोहल का सेवन सीमित करना: अल्कोहल से पित्ताशय में पथरी का जोखिम बढ़ता है।

सर्जरी के बाद की देखभाल

अगर सर्जरी की जाती है, तो बाद की देखभाल में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • विश्राम: शरीर को पूरी तरह से ठीक होने का समय देना।
  • हल्का व्यायाम: धीरे-धीरे सक्रियता बढ़ाना।
  • नियमित जांच: डॉक्टर के निर्देशानुसार परीक्षण करवाना।

पित्ताशय में पथरी की रोकथाम

पित्ताशय में पथरी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • संतुलित आहार: वसा और कोलेस्ट्रॉल की कम मात्रा।
  • नियमित व्यायाम: वजन को नियंत्रित रखने के लिए।
  • वजन को संतुलित रखना: तेजी से वजन घटाने से बचना।
  • पर्याप्त जल का सेवन: शरीर में तरल पदार्थों का सही संतुलन बनाए रखना।

पित्ताशय में पथरी के साथ जीना

पित्ताशय में पथरी की समस्या के साथ जीना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ सावधानियां और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है:

  • नियमित चिकित्सा परामर्श: नियमित जांच और डॉक्टर के परामर्श के अनुसार उपचार।
  • स्वस्थ भोजन: ताजे फलों, सब्जियों, और साबुत अनाज का सेवन।
  • व्यायाम: नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रखना।
आयुर्वेद और पित्ताशय में पथरी

आयुर्वेद में पित्ताशय में पथरी के उपचार के कई प्राकृतिक उपाय होते हैं:

  • भृंगराज: पित्ताशय की सफाई के लिए।
  • त्रिफला चूर्ण: पाचन को सुधारने और पित्ताशय की समस्याओं को कम करने के लिए।
  • गोखरू: पथरी को घुलाने के लिए।
  • धनिया: पाचन को सुधारने और पित्ताशय की समस्याओं को कम करने के लिए।
पित्ताशय में पथरी के घरेलू उपाय

कुछ घरेलू उपाय भी पित्ताशय में पथरी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:

  • सेब का सिरका: पथरी को घुलाने के लिए।
  • नींबू का रस: पित्त के प्रवाह को सुधारने के लिए।
  • हल्दी: सूजन और दर्द को कम करने के लिए।
  • नारियल पानी: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए।

पित्ताशय में पथरी एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है, जिसे समय पर पहचान और उपचार की आवश्यकता होती है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित जांच से पित्ताशय में पथरी से बचा जा सकता है। यदि आपको पित्ताशय में पथरी के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित उपचार करवाएं।

FAQ’s

Q.1 – पित्ताशय में पथरी कैसे बनती है?

पित्ताशय में पथरी तब बनती है जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन, या अन्य पदार्थ जमा होकर ठोस रूप धारण कर लेते हैं।

Q.2 – पित्ताशय में पथरी का इलाज कैसे होता है?

पित्ताशय में पथरी का इलाज दवाओं, सर्जरी, ईआरसीपी और लिथोट्रिप्सी के माध्यम से किया जा सकता है।

Q.3 – क्या पित्ताशय में पथरी का इलाज बिना सर्जरी के संभव है?

हां, कुछ मामलों में दवाओं और लिथोट्रिप्सी के माध्यम से पित्ताशय में पथरी का इलाज संभव है।

Q.4 – क्या पित्ताशय में पथरी का फिर से होना संभव है?

हां, अगर जीवनशैली और आहार में बदलाव नहीं किया जाता है तो पित्ताशय में पथरी का फिर से होना संभव है।

Q.5 – पित्ताशय में पथरी से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और वजन को संतुलित रखना पित्ताशय में पथरी से बचने के उपाय हैं।

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