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PCOS में दूध: फायदेमंद या नुकसानदायक?

Hindi
4 min read
Dhaval Chauhan
Written by
Dhaval Chauhan
Posted on
December 14, 2025

PCOS, या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं में प्रजनन आयु के दौरान पाया जाता है। इस स्थिति में अंडाशय में छोटी-छोटी सिस्ट बन जाती हैं, जो हार्मोनल असंतुलन, अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ने और त्वचा संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती हैं। PCOS के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसमें “दूध” का सेवन एक बड़ा सवाल बन जाता है।

PCOS में दूध का महत्व

दूध और दुग्ध उत्पाद हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन D और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। लेकिन PCOS से ग्रस्त महिलाओं के लिए, दूध का सेवन लाभदायक और हानिकारक दोनों हो सकता है।

दूध के प्रभाव इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस प्रकार का दूध पीते हैं, इसकी मात्रा कितनी है, और आपकी शरीर की प्रतिक्रिया कैसी है। आइए विस्तार से जानें कि PCOS में दूध का सेवन कैसे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।

PCOS में दूध के फायदे

कैल्शियम और हड्डियों की मजबूती

PCOS में महिलाओं को हड्डियों की मजबूती बनाए रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि हार्मोनल असंतुलन से हड्डियों के कमजोर होने का खतरा रहता है। दूध कैल्शियम का एक प्रमुख स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

प्रोटीन का बढ़िया स्रोत

दूध में मौजूद प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में मदद करता है। अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रही हैं, तो प्रोटीन आपकी भूख को नियंत्रित करके आपके लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकता है।

विटामिन D की कमी को दूर करना

PCOS में अक्सर महिलाओं को विटामिन D की कमी होती है, जो हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। दूध विटामिन D का अच्छा स्रोत है और इसका नियमित सेवन इस कमी को पूरा कर सकता है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करना

लो-फैट दूध या स्किम्ड दूध का सेवन ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद कर सकता है। PCOS में इंसुलिन प्रतिरोध आम होता है, और दूध का सही प्रकार चुनकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

PCOS में दूध के नुकसान

हार्मोनल प्रभाव

दूध में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले हार्मोन (जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) PCOS में हार्मोनल असंतुलन को बढ़ा सकते हैं। यह समस्या विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए हो सकती है, जो हार्मोनल असंतुलन से पहले से ही जूझ रही हैं।

इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाना

फुल-फैट दूध में मौजूद शुगर और फैट इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकते हैं, जो PCOS के लक्षणों को और खराब कर सकता है।

सूजन और एलर्जी

कुछ महिलाओं को दूध और डेयरी उत्पादों से एलर्जी या लैक्टोज असहिष्णुता हो सकती है। यह सूजन और पेट की समस्याओं का कारण बन सकता है, जो PCOS के लक्षणों को और खराब कर सकता है।

ब्लड शुगर पर प्रभाव

फुल-फैट दूध और मीठे डेयरी उत्पाद ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं, जिससे वजन बढ़ने और हार्मोनल असंतुलन का खतरा बढ़ जाता है।

PCOS में किस प्रकार का दूध चुनें?

लो-फैट या स्किम्ड दूध

लो-फैट या स्किम्ड दूध पीने से कैलोरी और फैट की मात्रा कम होती है, जो वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

प्लांट-बेस्ड मिल्क विकल्प

आजकल, बादाम दूध, सोया दूध, नारियल दूध और ओट्स दूध जैसे प्लांट-बेस्ड विकल्प लोकप्रिय हो रहे हैं। ये विकल्प लैक्टोज असहिष्णु महिलाओं के लिए बेहतर हो सकते हैं।

लैक्टोज-फ्री दूध

यदि आपको लैक्टोज से एलर्जी है, तो लैक्टोज-फ्री दूध एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

ऑर्गेनिक दूध

ऑर्गेनिक दूध में हार्मोन और एंटीबायोटिक्स की मात्रा कम होती है, जो PCOS में फायदेमंद हो सकता है।

PCOS में दूध का सेवन कैसे करें?

सही मात्रा में सेवन करें

PCOS में दूध का सेवन सीमित मात्रा में करें। दिन में एक से दो कप दूध पर्याप्त हो सकता है।

लो-ग्लाइसेमिक फूड्स के साथ संयोजन करें

दूध का सेवन लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों के साथ करें, जैसे ओट्स, बादाम, या फल। इससे ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद मिलती है।

दूध में चीनी न मिलाएं

दूध में चीनी या फ्लेवरिंग मिलाने से बचें, क्योंकि यह अनावश्यक कैलोरी और शुगर की मात्रा बढ़ा सकता है।

रात में दूध पीने से बचें

रात में दूध पीने से वजन बढ़ने और ब्लड शुगर के स्तर में उतार-चढ़ाव का खतरा हो सकता है।

PCOS में दूध और प्लांट-बेस्ड विकल्पों की तुलना

पैरामीटर गाय का दूध बादाम दूध सोया दूध नारियल दूध
कैलोरी अधिक कम मध्यम अधिक
प्रोटीन उच्च कम उच्च कम
फैट उच्च कम कम उच्च
लैक्टोज मौजूद नहीं नहीं नहीं
विटामिन D उच्च मध्यम उच्च मध्यम

क्या PCOS में दूध का पूरी तरह से त्याग करना चाहिए?

PCOS में दूध का पूरी तरह से त्याग करना जरूरी नहीं है, लेकिन सही विकल्प चुनना और इसे संतुलित मात्रा में लेना आवश्यक है। हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए यह समझना जरूरी है कि दूध आपके शरीर पर क्या प्रभाव डालता है।

PCOS में दूध और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

आयुर्वेद के अनुसार, दूध को उबालकर हल्दी या इलायची के साथ लेना फायदेमंद हो सकता है। यह न केवल पाचन को सुधारता है, बल्कि सूजन को भी कम करता है।

PCOS में दूध और व्यायाम का संयोजन

यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करती हैं, तो दूध पीना आपके शरीर को प्रोटीन और कैल्शियम की पूर्ति करने में मदद कर सकता है। लेकिन इसे व्यायाम के बाद लो-फैट विकल्प के रूप में ही लें।

PCOS में दूध और जीवनशैली परिवर्तन

PCOS के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए केवल दूध पर निर्भर रहना सही नहीं है। जीवनशैली में बदलाव, जैसे कि नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और तनाव प्रबंधन, अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

PCOS में दूध के लिए सुझाव
  • हमेशा ऑर्गेनिक या प्लांट-बेस्ड दूध का विकल्प चुनें।
  • लैक्टोज असहिष्णुता होने पर लैक्टोज-फ्री विकल्प अपनाएं।
  • चीनी और अन्य फ्लेवरिंग से बचें।
  • दूध को लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों के साथ संयोजित करें।
FAQs

Q.1 – क्या PCOS में दूध पीना सही है?
हाँ, लेकिन सही प्रकार का दूध चुनना और इसे सीमित मात्रा में लेना जरूरी है।

Q.2 – क्या सोया दूध PCOS में फायदेमंद है?
सोया दूध में प्रोटीन और फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो PCOS में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

Q.3 – क्या PCOS में फुल-फैट दूध पी सकते हैं?
फुल-फैट दूध से बचना बेहतर है, क्योंकि यह इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है।

Q.4 – क्या रात में दूध पीना PCOS में सही है?
रात में दूध पीने से बचना चाहिए, क्योंकि यह वजन बढ़ा सकता है।

Q.5 – क्या प्लांट-बेस्ड दूध PCOS के लिए बेहतर है?
हाँ, प्लांट-बेस्ड दूध, जैसे बादाम या सोया दूध, लैक्टोज असहिष्णुता वाली महिलाओं के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

 

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