प्रीडायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जो आपको मधुमेह के खतरे की ओर ले जा सकती है। लेकिन इसे सही समय पर पहचाना और प्रबंधित किया जाए तो इसे रोका जा सकता है। यह लेख आपको इस स्थिति को गहराई से समझने और इससे बचाव के तरीके जानने में मदद करेगा।
प्रीडायबिटीज क्या है?
प्रीडायबिटीज वह स्थिति है जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन इतना नहीं कि इसे डायबिटीज टाइप 2 माना जाए। इसे “सीमावर्ती मधुमेह” के रूप में भी जाना जाता है।
प्रीडायबिटीज के लक्षण
प्रीडायबिटीज में आमतौर पर स्पष्ट लक्षण नहीं होते। फिर भी, कुछ संकेत हैं जो इस स्थिति की ओर इशारा कर सकते हैं:
- अचानक वजन बढ़ना या घटना
- बार-बार प्यास लगना
- थकावट और ऊर्जा की कमी
- त्वचा पर काले धब्बे (अकैंथोसिस नाइग्रिकन्स)
- बार-बार पेशाब आना
प्रीडायबिटीज के कारण
प्रीडायबिटीज के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण हमारी जीवनशैली और खानपान से जुड़े होते हैं।
आनुवंशिक प्रभाव
अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो आपके प्रीडायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है।
अस्वास्थ्यकर खानपान
ज्यादा फैट, शुगर और जंक फूड का सेवन ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है।
शारीरिक गतिविधि की कमी
बैठे रहने की आदत और व्यायाम न करने से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है।
वजन और मोटापा
अधिक वजन होने से शरीर में इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता।
नींद की कमी
नींद की कमी और तनाव प्रीडायबिटीज का एक बड़ा कारण बन सकते हैं।
प्रीडायबिटीज के जोखिम कारक
कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रीडायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।
उम्र
45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग प्रीडायबिटीज के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
उच्च रक्तचाप प्रीडायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल का असंतुलन
अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) की कमी और बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) का बढ़ना इस स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
महिलाओं के स्वास्थ्य कारक
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और गर्भावस्था में डायबिटीज की समस्या महिलाओं में प्रीडायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है।
प्रीडायबिटीज का निदान कैसे करें?
प्रीडायबिटीज का पता लगाने के लिए कई परीक्षण उपलब्ध हैं। इनमें से प्रमुख परीक्षण हैं:
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट
इसमें 8 घंटे के उपवास के बाद ब्लड शुगर की जांच की जाती है। अगर स्तर 100-125 mg/dL के बीच है, तो यह प्रीडायबिटीज हो सकता है।
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT)
इसमें मीठा घोल पीने के बाद ब्लड शुगर की जांच की जाती है।
HbA1c टेस्ट
यह टेस्ट पिछले 3 महीनों के ब्लड शुगर स्तर का औसत दिखाता है।
प्रीडायबिटीज से बचाव के तरीके
प्रीडायबिटीज एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन अच्छी आदतें अपनाकर इसे रोका जा सकता है।
स्वस्थ आहार अपनाएं
फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें। जंक फूड और मीठे पेय से बचें।
नियमित व्यायाम करें
हफ्ते में कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि जैसे तेज चलना, योग या साइकलिंग करें।
वजन प्रबंधन करें
अगर आपका वजन अधिक है, तो इसे कम करने का प्रयास करें।
तनाव प्रबंधन
ध्यान, योग और पर्याप्त नींद के माध्यम से तनाव को कम करें।
प्रीडायबिटीज के साथ जीवन कैसे जीएं?
प्रीडायबिटीज का मतलब यह नहीं कि आपको भविष्य में डायबिटीज होगा। इसे नियंत्रित करना आपके हाथ में है।
समय पर डॉक्टर से संपर्क करें
नियमित जांच कराना और डॉक्टर की सलाह का पालन करना बेहद जरूरी है।
ब्लड शुगर मॉनिटरिंग
घर पर ब्लड शुगर मॉनिटरिंग के लिए डिवाइस का उपयोग करें।
सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा बनें
प्रीडायबिटीज से पीड़ित लोगों के साथ अपने अनुभव साझा करें।
FAQs
Q.1 – प्रीडायबिटीज को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है?
हां, अगर इसे समय पर पहचाना जाए और सही जीवनशैली अपनाई जाए तो इसे उलट दिया जा सकता है।
Q.2 – क्या प्रीडायबिटीज डायबिटीज में बदल जाता है?
अगर इसे नजरअंदाज किया जाए, तो यह डायबिटीज में बदल सकता है।
Q.3 – क्या बच्चे भी प्रीडायबिटीज के शिकार हो सकते हैं?
हां, खासकर अगर उनकी खानपान की आदतें और शारीरिक गतिविधि अनियमित हो।
Q.4 – प्रीडायबिटीज के लिए सबसे अच्छा आहार क्या है?
साबुत अनाज, सब्जियां, फल और कम वसा वाले प्रोटीन सबसे अच्छे विकल्प हैं।
Q.5 – क्या प्रीडायबिटीज के लिए दवाएं लेनी चाहिए?
सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें।