tap.health logo
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Starts at ₹399
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • All Hindi Blogs
  • Hindi
  • मधुमेह और हृदय रोग: एक महत्वपूर्ण संबंध

मधुमेह और हृदय रोग: एक महत्वपूर्ण संबंध

Hindi
10 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 14, 2025
diabetes-and-cardiovascular-disease-in-hindi

मधुमेह और हृदय रोग दो प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएँ हैं जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं। यह दोनों बीमारियाँ अक्सर एक दूसरे से संबंधित होती हैं और एक व्यक्ति की समग्र स्वास्थ्य स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। मधुमेह, विशेष रूप से टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।

मधुमेह क्या है?

मधुमेह एक ऐसा स्थिति है जिसमें व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज (शर्करा) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। यह तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो शरीर को ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है। जब इंसुलिन सही से काम नहीं करता, तो ग्लूकोज रक्त में जमा हो जाता है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

हृदय रोग क्या है?

हृदय रोग विभिन्न प्रकार की स्थितियों का समूह है जो हृदय और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती हैं। इनमें कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा, दिल की विफलता, और एरिदमिया शामिल हैं। हृदय रोग का प्राथमिक कारण आमतौर पर धमनियों की कठोरता और संकुचन (एथेरोस्क्लेरोसिस) है, जो रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है।

मधुमेह और हृदय रोग के बीच संबंध

मधुमेह और हृदय रोग के बीच का संबंध बहुत गहरा और जटिल है। मधुमेह के कारण धमनियों में सूजन, उच्च रक्तचाप, और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जो हृदय रोग का कारण बनती हैं। मधुमेह वाले व्यक्तियों में हृदय रोग का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में दो से चार गुना अधिक होता है। इसके अलावा, मधुमेह वाले लोग अधिकतर कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित होते हैं, जो दिल के दौरे का एक प्रमुख कारण है।

मधुमेह और एथेरोस्क्लेरोसिस

एथेरोस्क्लेरोसिस वह प्रक्रिया है जिसमें धमनियों में प्लाक (फैटी पदार्थ) जमा हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। मधुमेह के कारण इस प्रक्रिया की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाती है। यह नुकसान धमनियों में सूजन का कारण बनता है, जो प्लाक के जमा होने की संभावना को बढ़ाता है।

मधुमेह और उच्च रक्तचाप

मधुमेह के साथ उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) भी सामान्य रूप से पाया जाता है। उच्च रक्तचाप हृदय को अतिरिक्त दबाव में डालता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। मधुमेह के कारण रक्त वाहिकाओं की लचीलापन कम हो जाती है, जिससे रक्तचाप और भी बढ़ जाता है।

मधुमेह और दिल का दौरा

दिल का दौरा तब होता है जब हृदय को रक्त की आपूर्ति में रुकावट आ जाती है। मधुमेह के कारण धमनियों में प्लाक जमा होने की संभावना अधिक होती है, जिससे रक्त प्रवाह रुक सकता है और दिल का दौरा हो सकता है। मधुमेह वाले व्यक्तियों में दिल का दौरा अधिक गंभीर और घातक हो सकता है।

मधुमेह और स्ट्रोक

स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति में बाधा आती है। मधुमेह के कारण धमनियों में प्लाक जमा होने की संभावना अधिक होती है, जिससे मस्तिष्क तक रक्त नहीं पहुंच पाता और स्ट्रोक हो सकता है। मधुमेह वाले व्यक्तियों में स्ट्रोक का जोखिम भी अधिक होता है।

मधुमेह और कार्डियक अरेस्ट

कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। मधुमेह के कारण हृदय की धड़कन में अनियमितता (एरिदमिया) हो सकती है, जो कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती है। इस स्थिति में, तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, अन्यथा यह घातक साबित हो सकता है।

मधुमेह के कारण हृदय रोग का जोखिम क्यों बढ़ता है?

मधुमेह के कारण हृदय रोग का जोखिम बढ़ने के कई कारण हैं:

  1. धमनियों की क्षति: उच्च रक्त शर्करा धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना बढ़ती है।
  2. बढ़ी हुई सूजन: मधुमेह के कारण शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जो हृदय और धमनियों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  3. उच्च रक्तचाप: मधुमेह के साथ उच्च रक्तचाप का होना सामान्य है, जो हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
  4. कोलेस्ट्रॉल स्तर में असंतुलन: मधुमेह वाले व्यक्तियों में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर कम और बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर अधिक हो सकता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए जोखिम कारक

मधुमेह और हृदय रोग के लिए कई जोखिम कारक होते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य होते हैं और कुछ विशेष रूप से मधुमेह से संबंधित होते हैं:

  • उम्र: उम्र बढ़ने के साथ मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है।
  • परिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को मधुमेह या हृदय रोग है, तो आपका जोखिम भी बढ़ सकता है।
  • धूम्रपान: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और मधुमेह के साथ मिलकर हृदय रोग का जोखिम बढ़ा देता है।
  • उच्च रक्तचाप: मधुमेह और उच्च रक्तचाप का संयोजन हृदय रोग के जोखिम को और भी बढ़ा देता है।
  • असंतुलित आहार: अधिक वसा, चीनी और नमक का सेवन हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी: शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह का जोखिम बढ़ता है, जो हृदय रोग के कारक हैं।

मधुमेह और हृदय रोग की रोकथाम

मधुमेह और हृदय रोग की रोकथाम के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:

  1. स्वस्थ आहार:
    स्वस्थ आहार का सेवन मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। साथ ही, संतृप्त वसा, ट्रांस फैट, और शर्करा का सेवन सीमित करना चाहिए।
  2. नियमित शारीरिक गतिविधि:
    नियमित शारीरिक गतिविधि रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। प्रत्येक दिन कम से कम 30 मिनट की मध्यम से तीव्र गतिविधि जैसे चलना, तैरना, या साइक्लिंग करना फायदेमंद हो सकता है।
  3. वजन नियंत्रण:
    वजन को स्वस्थ सीमा में बनाए रखना मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करता है। अधिक वजन या मोटापा हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है और धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है।
  4. धूम्रपान से बचाव:
    धूम्रपान हृदय और धमनियों के लिए बेहद हानिकारक होता है, विशेष रूप से मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए। धूम्रपान छोड़ने से हृदय रोग का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है।
  5. नियमित स्वास्थ्य परीक्षण:
    नियमित रूप से ब्लड शुगर, रक्तचाप, और कोलेस्ट्रॉल स्तर की जाँच कराना चाहिए। इन परीक्षणों के माध्यम से हृदय रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है और समय रहते उपचार किया जा सकता है।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए उपचार

मधुमेह और हृदय रोग के उपचार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक होता है, जिसमें जीवनशैली में बदलाव, दवाएं, और कभी-कभी सर्जरी शामिल हो सकती हैं।

  1. जीवनशैली में बदलाव:
    स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसमें स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण, और धूम्रपान छोड़ना शामिल है।
  2. दवाएं:
    मधुमेह और हृदय रोग के लिए विभिन्न प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। मधुमेह के लिए इंसुलिन और अन्य एंटी-डायबिटिक दवाएं दी जाती हैं, जबकि हृदय रोग के लिए ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और एंटी-कोआगुलेंट दवाएं दी जा सकती हैं।
  3. सर्जरी:
    कुछ मामलों में, यदि धमनियों में प्लाक बहुत अधिक जमा हो जाता है, तो एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। यह सर्जरी धमनियों को खुला रखने और रक्त प्रवाह को सुचारु रखने में मदद करती है।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए विशेष देखभाल

मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इसमें आहार विशेषज्ञ, कार्डियोलॉजिस्ट, और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की टीम शामिल हो सकती है। यह टीम मरीज की स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत उपचार योजना बनाती है, जिसमें जीवनशैली में बदलाव, दवाओं का प्रबंधन, और नियमित फॉलो-अप शामिल होते हैं।

मधुमेह और हृदय रोग के बीच तनाव का संबंध

तनाव भी मधुमेह और हृदय रोग के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जिससे रक्त शर्करा और रक्तचाप दोनों बढ़ सकते हैं। लंबे समय तक उच्च तनाव का सामना करने से हृदय और धमनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।

मधुमेह और हृदय रोग से बचाव के लिए मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

मानसिक स्वास्थ्य का प्रबंधन भी मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण होता है। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नियमित ध्यान, योग, और मानसिक विश्राम तकनीकों का अभ्यास किया जा सकता है। मानसिक शांति और तनाव कम करने से शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम कम होता है।

मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों के लिए आहार संबंधी सुझाव

मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों के लिए आहार का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है। उनके आहार में निम्नलिखित तत्व शामिल होने चाहिए:

  1. फाइबर युक्त आहार:
    फाइबर युक्त आहार जैसे साबुत अनाज, फल, और सब्जियाँ खाने से पाचन प्रक्रिया धीमी होती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है और हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  2. कम वसा युक्त प्रोटीन:
    कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत जैसे मुर्गी, मछली, और दालें खाना चाहिए। उच्च वसा वाले मांस और डेयरी उत्पादों का सेवन सीमित करना चाहिए।
  3. नमक का सीमित उपयोग:
    नमक का अधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जो हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकता है। नमक का सेवन सीमित करें और खाने में हर्ब्स और स्पाइस का प्रयोग करें।
  4. मिठाइयों का सीमित सेवन:
    मधुमेह के मरीजों को मिठाइयों और चीनी युक्त पदार्थों का सेवन सीमित करना चाहिए। प्राकृतिक मिठास के लिए फल खाने चाहिए।
  5. संतृप्त वसा और ट्रांस फैट से बचाव:
    संतृप्त वसा और ट्रांस फैट हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनके सेवन से बचना चाहिए। इसके स्थान पर, असंतृप्त वसा जैसे जैतून का तेल और एवोकाडो का प्रयोग करें।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए व्यायाम संबंधी सुझाव

नियमित व्यायाम मधुमेह और हृदय रोग के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। व्यायाम के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  1. रक्त शर्करा नियंत्रण:
    व्यायाम करने से शरीर में ग्लूकोज का उपयोग बेहतर होता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।
  2. वजन प्रबंधन:
    व्यायाम से वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, जिससे हृदय पर दबाव कम होता है और हृदय रोग का जोखिम घटता है।
  3. हृदय स्वास्थ्य में सुधार:
    व्यायाम हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे हृदय रोग का जोखिम कम होता है।
  4. तनाव कम करना:
    व्यायाम तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए योग का महत्व

योग एक प्राचीन तकनीक है जो मानसिक, शारीरिक, और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होती है। मधुमेह और हृदय रोग के लिए योग के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  1. रक्त शर्करा नियंत्रण:
    योग के नियमित अभ्यास से शरीर में इंसुलिन का प्रभाव बढ़ता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।
  2. हृदय स्वास्थ्य में सुधार:
    योग हृदय की धड़कन को नियमित करता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है, और धमनियों की लचीलापन को बढ़ाता है।
  3. तनाव कम करना:
    योग के माध्यम से मानसिक शांति और तनाव का प्रबंधन किया जा सकता है, जिससे मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।
  4. संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार:
    योग शरीर के सभी अंगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है और बीमारियों का जोखिम घटता है।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए प्राकृतिक उपचार

प्राकृतिक उपचार भी मधुमेह और हृदय रोग के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। इनमें कुछ प्रमुख उपचार इस प्रकार हैं:

  1. मेथी:
    मेथी के बीज का सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसे भोजन में या पानी में भिगोकर सेवन किया जा सकता है।
  2. एलोवेरा:
    एलोवेरा का रस रक्त शर्करा को नियंत्रित करने और हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
  3. हल्दी:
    हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन नामक तत्व में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो धमनियों की सूजन को कम करते हैं और हृदय स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
  4. लहसुन:
    लहसुन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है। लहसुन का नियमित सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।
  5. आंवला:
    आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो धमनियों को सुरक्षित रखते हैं और मधुमेह के प्रभाव को कम करते हैं।

मधुमेह और हृदय रोग के लिए समय पर चिकित्सा जांच का महत्व

मधुमेह और हृदय रोग के प्रबंधन में नियमित चिकित्सा जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल रोग के प्रारंभिक लक्षणों का पता चलता है, बल्कि समय पर उपचार शुरू करने का अवसर भी मिलता है। नियमित जांच में निम्नलिखित शामिल होना चाहिए:

  1. ब्लड शुगर टेस्ट:
    रक्त शर्करा के स्तर की नियमित जांच मधुमेह के नियंत्रण में सहायक होती है।
  2. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट:
    लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल स्तर की जांच की जाती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  3. बीपी मॉनिटरिंग:
    रक्तचाप की नियमित निगरानी से उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम किया जा सकता है।
  4. ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम:
    हृदय की स्थिति की जांच के लिए ईसीजी और इकोकार्डियोग्राम का प्रयोग किया जाता है, जिससे हृदय रोग के प्रारंभिक लक्षणों का पता चलता है।
मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य का प्रबंधन

मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों के लिए मानसिक स्वास्थ्य का प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। रोग से जुड़े तनाव, चिंता, और अवसाद मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव इस प्रकार हैं:

  1. मेडिटेशन और ध्यान:
    मेडिटेशन और ध्यान मानसिक शांति को बढ़ावा देते हैं और तनाव को कम करते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  2. समय प्रबंधन:
    समय का सही प्रबंधन करने से तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। समय पर सभी कार्यों को पूरा करने का प्रयास करें।
  3. परिवार और दोस्तों का समर्थन:
    परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने से मानसिक तनाव कम होता है और भावनात्मक समर्थन मिलता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. पेशेवर सहायता:
    यदि मानसिक तनाव और अवसाद बढ़ता है, तो मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक से पेशेवर सहायता लें।
मधुमेह और हृदय रोग के प्रबंधन में योग और प्राणायाम का महत्व

योग और प्राणायाम का अभ्यास मधुमेह और हृदय रोग के प्रबंधन में अत्यधिक प्रभावी होता है। ये अभ्यास शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखते हैं और शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं। योग और प्राणायाम के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

  1. रक्तचाप नियंत्रण:
    प्राणायाम के माध्यम से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।
  2. तनाव प्रबंधन:
    योग और प्राणायाम के माध्यम से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  3. रक्त शर्करा का नियंत्रण:
    योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर में ग्लूकोज का उपयोग बेहतर होता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।
  4. हृदय की धड़कन को नियमित करना:
    योग के माध्यम से हृदय की धड़कन को नियमित किया जा सकता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।

मधुमेह और हृदय रोग के बीच का संबंध बहुत गहरा और जटिल है, लेकिन सही ज्ञान और उपायों के साथ इसे प्रबंधित किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित चिकित्सा जांच, और मानसिक स्वास्थ्य का प्रबंधन मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है। योग, प्राणायाम, और प्राकृतिक उपचारों का संयोजन भी इन बीमारियों के प्रबंधन में अत्यधिक सहायक हो सकता है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, सक्रिय रहें, और एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।

FAQs

Q.1 – मधुमेह के कारण हृदय रोग का जोखिम क्यों बढ़ता है?
मधुमेह के कारण रक्त शर्करा का उच्च स्तर धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस, उच्च रक्तचाप, और दिल के दौरे का जोखिम बढ़ता है।

Q.2 – क्या मधुमेह और हृदय रोग का एक साथ इलाज संभव है?
हां, मधुमेह और हृदय रोग का एक साथ इलाज संभव है। इसके लिए जीवनशैली में बदलाव, दवाओं का सेवन, और नियमित चिकित्सा जांच आवश्यक होती है।

Q.3 – क्या योग और प्राणायाम मधुमेह और हृदय रोग के इलाज में सहायक होते हैं?
हां, योग और प्राणायाम मधुमेह और हृदय रोग के प्रबंधन में अत्यधिक सहायक होते हैं। ये तनाव को कम करने, रक्त शर्करा को नियंत्रित करने, और हृदय की धड़कन को नियमित करने में मदद करते हैं।

Q.4 – मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों को कौन सा आहार लेना चाहिए?
मधुमेह और हृदय रोग के मरीजों को फाइबर युक्त आहार, कम वसा वाले प्रोटीन, और संतृप्त वसा से बचने वाले आहार का सेवन करना चाहिए। साथ ही, मिठाइयों और नमक का सेवन सीमित करना चाहिए।

Q.5 – क्या तनाव का मधुमेह और हृदय रोग पर असर होता है?
हां, तनाव का मधुमेह और हृदय रोग पर नकारात्मक असर होता है। तनाव के कारण रक्त शर्करा और रक्तचाप दोनों बढ़ सकते हैं, जिससे हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है।

Tags

Medicine Health Lifestyle Home remedies Fitness Prevention Hygiene Ailments Hindi skin diseases acne vulgaris symptoms AI Search

Get the Taphealth app now!

More blogs

Dhruv Sharma
Written by
Dhruv Sharma
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 13, 2025

Chicken GI Index: Is Chicken Good for Diabetics? (Complete Guide)

When you are managing diabetes or just trying to eat healthier, understanding the Glycemic Index (GI) of your food is crucial. It acts like a traffic signal for your blood sugar—green means go, red means stop. One question we hear constantly is: What is the chicken GI index? If you have been searching for the […]

Diabetes
6 min read
diabetes-and-cardiovascular-disease-in-hindi
Dhruv Sharma
Written by
Dhruv Sharma
Posted on
December 13, 2025

Low Glycemic Index Sweeteners: Best Options for Diabetics & Health (2026 Guide)

We all love a sweet treat now and then. Whether it is a hot cup of masala chai in the morning, a piece of chocolate after dinner, or a celebratory mithai, sugar is a huge part of our lives. But for millions of people managing diabetes, insulin resistance, or weight issues, regular sugar is dangerous. […]

Diabetes
7 min read
diabetes-and-cardiovascular-disease-in-hindi
Dhruv Sharma
Written by
Dhruv Sharma
Shalu Raghav
Reviewed by:
Shalu Raghav
Posted on
December 13, 2025

Fructose Glycemic Index: The Truth About the “Healthy” Fruit Sugar

Sugar is confusing. Walk into any supermarket in India, and you will see “Sugar-Free,” “No Added Sugar,” or “Contains Natural Fruit Sugars” plastered across packages. For someone managing diabetes, trying to lose weight, or just aiming for better health, it can feel like a minefield. You might have heard that fructose (the sugar found in […]

Diabetes
8 min read
diabetes-and-cardiovascular-disease-in-hindi

Subscribe to our mailing list & never miss an update

Smart Diabetes Care

AI-driven, fully personalized, and constantly
adapting to your needs in real time.

tap health
tap.health logo
copyright © 2025
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Return / Shipping Policy
  • Terms and Conditions