आज के समय में थायरॉइड की समस्या और आयरन की कमी (एनीमिया) दोनों ही भारत में बहुत आम हो गई हैं, खासकर महिलाओं में। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आयरन की कमी सीधे थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकती है। कई बार थायरॉइड की दवाइयाँ लेने के बाद भी सुधार नहीं होता, और असली वजह होती है – शरीर में आयरन की कमी।
इस लेख में हम सरल हिंदी में समझेंगे कि आयरन की कमी से थायरॉइड क्यों बिगड़ता है, इसके लक्षण क्या हैं, कैसे जांच करें, इलाज और बचाव के उपाय क्या हैं।
थायरॉइड क्या है और यह शरीर में क्या काम करता है?
थायरॉइड एक छोटी-सी तितली के आकार की ग्रंथि है, जो गले के सामने स्थित होती है। यह T3 (ट्राईआयोडोथायरोनिन) और T4 (थायरॉक्सिन) नामक हार्मोन बनाती है।
ये हार्मोन शरीर में कई महत्वपूर्ण काम करते हैं, जैसे:
- मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करना
- वजन को संतुलित रखना
- शरीर की ऊर्जा बनाए रखना
- दिल की धड़कन नियंत्रित करना
- दिमाग और मांसपेशियों के कार्य को सही रखना
जब थायरॉइड हार्मोन सही मात्रा में नहीं बनते, तो हाइपोथायरॉइड या हाइपरथायरॉइड जैसी समस्याएँ हो जाती हैं।
आयरन क्या है और शरीर के लिए क्यों जरूरी है?
आयरन एक जरूरी मिनरल है, जो:
- खून में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है
- शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाता है
- दिमाग और मांसपेशियों को ऊर्जा देता है
- इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, तो एनीमिया हो जाता है।
आयरन की कमी से थायरॉइड कैसे प्रभावित होता है?
यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
1. थायरॉइड हार्मोन बनाने में आयरन की भूमिका
थायरॉइड हार्मोन बनने के लिए शरीर को एक खास एंजाइम चाहिए, जिसे थायरॉइड पेरऑक्सिडेज (TPO) कहते हैं।
यह एंजाइम आयरन पर निर्भर करता है।
जब शरीर में आयरन की कमी होती है:
- TPO एंजाइम ठीक से काम नहीं करता
- T3 और T4 हार्मोन कम बनने लगते हैं
- थायरॉइड की कार्यक्षमता घट जाती है
2. आयरन की कमी से हाइपोथायरॉइड का खतरा
कई रिसर्च में पाया गया है कि:
- जिन लोगों को आयरन की कमी होती है
- उनमें हाइपोथायरॉइड होने की संभावना ज्यादा होती है
खासकर महिलाएं, गर्भवती महिलाएं और किशोर लड़कियाँ इस खतरे में ज्यादा रहती हैं।
3. आयरन की कमी से थायरॉइड दवा का असर कम होना
अगर किसी व्यक्ति को पहले से थायरॉइड है और साथ में आयरन की कमी भी है:
- तो थायरॉइड की दवा सही से काम नहीं करती
- TSH लेवल कंट्रोल में नहीं आता
- बार-बार दवा की मात्रा बदलनी पड़ती है
4. आयरन और आयोडीन का आपसी संबंध
आयरन की कमी से:
- आयोडीन का सही उपयोग नहीं हो पाता
- जबकि आयोडीन थायरॉइड हार्मोन के लिए जरूरी है
इसलिए आयरन की कमी अप्रत्यक्ष रूप से आयोडीन की कमी जैसा असर दिखाती है।
आयरन की कमी और थायरॉइड के सामान्य लक्षण
अक्सर दोनों समस्याओं के लक्षण आपस में मिल जाते हैं, जिससे पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
सामान्य लक्षण:
- लगातार थकान और कमजोरी
- वजन बढ़ना या कम होना
- ठंड ज्यादा लगना
- बाल झड़ना
- त्वचा का रूखा होना
- चक्कर आना
- सांस फूलना
- दिल की धड़कन तेज होना
- ध्यान लगाने में परेशानी
अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो दोनों की जांच जरूरी है।
किन लोगों में आयरन की कमी से थायरॉइड का खतरा ज्यादा होता है?
- महिलाएं (खासतौर पर पीरियड्स वाली)
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
- शाकाहारी लोग
- बार-बार डाइटिंग करने वाले
- ज्यादा चाय-कॉफी पीने वाले
- पाचन संबंधी समस्या वाले लोग
जांच कैसे कराएं?
अगर थायरॉइड कंट्रोल में नहीं आ रहा या लक्षण बने हुए हैं, तो ये टेस्ट जरूर कराएं:
आयरन के लिए:
- हीमोग्लोबिन (Hb)
- सीरम फेरिटिन
- सीरम आयरन
थायरॉइड के लिए:
- TSH
- T3
- T4
केवल Hb नॉर्मल होना काफी नहीं है, फेरिटिन लेवल भी बहुत जरूरी है।
आयरन की कमी और थायरॉइड का इलाज कैसे करें?
1. डॉक्टर की सलाह से आयरन सप्लीमेंट
- आयरन टैबलेट या सिरप
- जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन
खुद से आयरन लेना नुकसानदायक हो सकता है।
2. आयरन युक्त आहार अपनाएं
शाकाहारी स्रोत:
- पालक, मेथी, सरसों
- चुकंदर
- अनार
- गुड़
- काले चने, राजमा
- तिल और कद्दू के बीज
मांसाहारी स्रोत:
- अंडा
- मछली
- चिकन
- लीवर
3. विटामिन C का सेवन बढ़ाएं
विटामिन C आयरन के अवशोषण में मदद करता है।
- नींबू
- आंवला
- संतरा
- अमरूद
4. चाय-कॉफी से दूरी
खाने के तुरंत बाद चाय-कॉफी पीने से आयरन का अवशोषण कम हो जाता है।
5. थायरॉइड दवा और आयरन में अंतर रखें
- थायरॉइड दवा सुबह खाली पेट लें
- आयरन सप्लीमेंट कम से कम 4 घंटे बाद लें
क्या आयरन की कमी ठीक होने से थायरॉइड भी ठीक हो सकता है?
कई मामलों में:
- आयरन लेवल सुधारने से
- थायरॉइड हार्मोन बेहतर तरीके से काम करने लगता है
- दवा की जरूरत कम हो सकती है
लेकिन यह व्यक्ति पर निर्भर करता है, इसलिए नियमित जांच जरूरी है।
जागरूकता ही सबसे बड़ा इलाज
आयरन की कमी से थायरॉइड बिगड़ना एक गंभीर लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है। अगर थायरॉइड की दवा लेने के बाद भी सुधार नहीं हो रहा, तो आयरन की जांच जरूर कराएं।
समय पर पहचान, सही जांच, संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह से:
- थायरॉइड को कंट्रोल में रखा जा सकता है
- आयरन की कमी दूर की जा सकती है
- एक स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन जिया जा सकता है
FAQs
1. क्या आयरन की कमी से थायरॉइड हो सकता है?
हाँ, आयरन की कमी थायरॉइड हार्मोन के निर्माण को प्रभावित कर सकती है।
2. क्या थायरॉइड मरीज को आयरन लेना चाहिए?
अगर आयरन की कमी है, तो डॉक्टर की सलाह से जरूर लेना चाहिए।
3. क्या केवल Hb नॉर्मल होना काफी है?
नहीं, फेरिटिन लेवल भी देखना जरूरी है।
4. आयरन और थायरॉइड दवा साथ ले सकते हैं?
नहीं, दोनों के बीच कम से कम 4 घंटे का अंतर रखें।
5. क्या महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है?
हाँ, महिलाओं में पीरियड्स और गर्भावस्था के कारण खतरा ज्यादा होता है।