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डायबिटीज़ मरीजों में उच्च रक्तचाप के शुरुआती संकेत: जानें कब डॉक्टर को दिखाना है

Hindi
5 min read
Anuradha Muralidharan
Written by
Anuradha Muralidharan
Shalu Raghav
Reviewed by:
Shalu Raghav
Posted on
December 20, 2025

डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) दो ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो अक्सर एक साथ देखी जाती हैं। भारत में, जहां डायबिटीज़ के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, उच्च रक्तचाप एक गंभीर जोखिम बनता जा रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, लगभग 60% डायबिटीज़ मरीजों को उच्च रक्तचाप की समस्या भी होती है। यह दोनों स्थितियां एक-दूसरे को और गंभीर बना सकती हैं, जिससे हृदय रोग, किडनी की समस्याएं, और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

इस लेख में, हम डायबिटीज़ मरीजों में उच्च रक्तचाप के शुरुआती संकेतों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, यह समझेंगे कि ये संकेत क्यों महत्वपूर्ण हैं, और आपको कब अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हम यह भी बताएंगे कि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं। यह लेख भारतीय संदर्भ में लिखा गया है, जिसमें स्थानीय जीवनशैली और खान-पान को ध्यान में रखा गया है।

उच्च रक्तचाप क्या है और यह डायबिटीज़ में क्यों खतरनाक है?

उच्च रक्तचाप तब होता है जब आपका रक्त धमनियों पर सामान्य से अधिक दबाव डालता है। इसे “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर नजर नहीं आते। डायबिटीज़ मरीजों में यह और भी खतरनाक हो जाता है, क्योंकि:

  • रक्त वाहिकाओं को नुकसान: डायबिटीज़ में उच्च रक्त शर्करा (हाई ब्लड शुगर) पहले से ही रक्त वाहिकाओं को कमजोर करता है। उच्च रक्तचाप इस नुकसान को और बढ़ा देता है।
  • हृदय पर दबाव: दोनों स्थितियां मिलकर हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है।
  • किडनी की समस्याएं: डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप दोनों किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे डायबिटिक नेफ्रोपैथी का खतरा बढ़ता है।

डायबिटीज़ मरीजों में उच्च रक्तचाप के शुरुआती संकेत

उच्च रक्तचाप के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं, और कई बार मरीजों को इसका पता तब चलता है जब स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। डायबिटीज़ मरीजों को निम्नलिखित शुरुआती संकेतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

  1. सिरदर्द, विशेष रूप से सुबह के समय: यह उच्च रक्तचाप का एक सामान्य लक्षण है। अगर आपको सुबह उठने पर सिर के पिछले हिस्से में भारीपन या दर्द महसूस होता है, तो यह चेतावनी हो सकती है।
  2. थकान और कमजोरी: डायबिटीज़ मरीजों को पहले से ही थकान महसूस हो सकती है, लेकिन अगर यह थकान बिना किसी स्पष्ट कारण के बढ़ रही है, तो रक्तचाप की जांच करवाएं।
  3. नाक से खून बहना: हालांकि यह दुर्लभ है, लेकिन बार-बार नाक से खून बहना उच्च रक्तचाप का संकेत हो सकता है।
  4. चक्कर आना या सिर घूमना: अगर आपको अचानक चक्कर आते हैं या संतुलन बनाने में दिक्कत होती है, तो यह रक्तचाप का लक्षण हो सकता है।
  5. सीने में भारीपन: हल्का दबाव या बेचैनी, खासकर व्यायाम या तनाव के दौरान, उच्च रक्तचाप का शुरुआती संकेत हो सकता है।
  6. आंखों की समस्याएं: धुंधला दिखना या आंखों में दबाव महसूस होना डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप का संयुक्त प्रभाव हो सकता है।

कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

अगर आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण बार-बार दिखाई दे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डायबिटीज़ मरीजों को नियमित रूप से रक्तचाप की जांच करवानी चाहिए, भले ही कोई लक्षण न दिखें। सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg माना जाता है, लेकिन डायबिटीज़ मरीजों के लिए 130/80 mmHg से अधिक रक्तचाप भी जोखिम भरा हो सकता है।

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए क्या करें?

उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करना डायबिटीज़ मरीजों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। नीचे कुछ व्यावहारिक और प्रभावी उपाय दिए गए हैं, जो भारतीय जीवनशैली के अनुकूल हैं:

1. स्वस्थ आहार अपनाएं

आहार उच्च रक्तचाप और डायबिटीज़ दोनों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय भोजन में कुछ बदलाव करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं:

  • नमक कम करें: भारतीय खाने में नमक का उपयोग बहुत होता है, जैसे कि अचार, चटनी, और नमकीन में। प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (लगभग 1 चम्मच) का सेवन करें।
  • पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ: केला, पालक, और नारियल पानी जैसे खाद्य पदार्थ रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
  • फाइबर बढ़ाएं: दाल, साबुत अनाज (जैसे ज्वार, बाजरा), और हरी सब्जियां डायबिटीज़ और रक्तचाप दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
  • तेल और चीनी सीमित करें: तले हुए भोजन और मिठाइयों से बचें। इसके बजाय, जैतून का तेल या सरसों का तेल कम मात्रा में उपयोग करें।

2. नियमित व्यायाम करें

व्यायाम रक्तचाप को कम करने और डायबिटीज़ को नियंत्रित करने का एक प्राकृतिक तरीका है। भारतीय जीवनशैली में व्यायाम को शामिल करना आसान है:

  • तेज चलना: रोजाना 30 मिनट की तेज सैर (ब्रिस्क वॉकिंग) रक्तचाप को कम कर सकती है।
  • योग: भुजंगासन, शवासन, और अनुलोम-विलोम जैसे योग आसन तनाव और रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं।
  • हल्का वजन उठाना: हल्के डम्बल के साथ व्यायाम रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है।

सावधानी: कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें, खासकर अगर आपकी उम्र 40 से अधिक है।

3. तनाव प्रबंधन

तनाव उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है। भारतीय संस्कृति में तनाव को कम करने के कई पारंपरिक तरीके हैं:

  • ध्यान (मेडिटेशन): रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान तनाव को कम करता है।
  • गहरी सांस लेना: प्राणायाम जैसे गहरी सांस लेने की तकनीक रक्तचाप को नियंत्रित करती है।
  • परिवार के साथ समय बिताएं: भारतीय परिवारों में सामाजिक समर्थन तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

4. नियमित जांच और दवाएं

  • रक्तचाप की निगरानी: घर पर ब्लड प्रेशर मॉनिटर का उपयोग करें और नियमित जांच करें।
  • दवाओं का पालन: अगर डॉक्टर ने रक्तचाप या डायबिटीज़ की दवाएं दी हैं, तो उन्हें समय पर लें।
  • डॉक्टर से नियमित संपर्क: हर 3-6 महीने में अपने डॉक्टर से मिलें और ब्लड टेस्ट करवाएं।

उच्च रक्तचाप और डायबिटीज़ से बचाव के लिए भारतीय जीवनशैली टिप्स

भारतीय संस्कृति और जीवनशैली में कई ऐसी प्रथाएं हैं जो उच्च रक्तचाप और डायबिटीज़ को रोकने में मदद कर सकती हैं:

  • आयुर्वेदिक उपाय: हल्दी, अदरक, और तुलसी जैसी जड़ी-बूटियां रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती हैं। हालांकि, इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • पारंपरिक खान-पान: खिचड़ी, दही, और सत्तू जैसे हल्के भोजन पाचन को बेहतर बनाते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।
  • उपवास (फास्टिंग): भारतीय संस्कृति में उपवास आम है। नियंत्रित उपवास (जैसे इंटरमिटेंट फास्टिंग) डायबिटीज़ और रक्तचाप को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।

सामान्य गलतियां और उनसे बचने के तरीके

उच्च रक्तचाप और डायबिटीज़ का प्रबंधन करते समय लोग अक्सर कुछ गलतियां करते हैं:

  1. लक्षणों को नजरअंदाज करना: कई लोग हल्के सिरदर्द या थकान को सामान्य मानकर अनदेखा करते हैं। हमेशा लक्षणों को गंभीरता से लें।
  2. अधिक नमक का सेवन: भारतीय खाने में छिपा हुआ नमक (जैसे पापड़, अचार) रक्तचाप बढ़ा सकता है।
  3. दवाएं छोड़ना: कुछ लोग दवाएं लेना बंद कर देते हैं जब उन्हें बेहतर महसूस होता है। यह खतरनाक हो सकता है।
  4. अनियमित जांच: नियमित रक्तचाप और ब्लड शुगर की जांच न करना स्थिति को बिगाड़ सकता है।

डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप: एक तुलनात्मक चार्ट

नीचे एक सरल चार्ट दिया गया है जो डायबिटीज़ और उच्च रक्तचाप के लक्षणों और प्रबंधन के बीच समानताएं और अंतर दिखाता है:

विशेषता डायबिटीज़ उच्च रक्तचाप
मुख्य लक्षण बार-बार प्यास, थकान, बार-बार पेशाब सिरदर्द, चक्कर, सीने में दबाव
प्रमुख जोखिम किडनी खराब होना, आंखों की समस्या हार्ट अटैक, स्ट्रोक
प्रबंधन कम चीनी वाला आहार, इंसुलिन, व्यायाम कम नमक, दवाएं, तनाव प्रबंधन
निगरानी ब्लड शुगर टेस्ट ब्लड प्रेशर मॉनिटर
FAQ

1. क्या डायबिटीज़ के कारण उच्च रक्तचाप हो सकता है?

हां, डायबिटीज़ रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली इसे नियंत्रित करने में मदद करती है।

2. क्या योग उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है?

हां, योग और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम रक्तचाप को कम करने में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, इन्हें डॉक्टर की सलाह के साथ शुरू करें।

3. मुझे कितनी बार रक्तचाप की जांच करानी चाहिए?

डायबिटीज़ मरीजों को हर महीने या डॉक्टर की सलाह के अनुसार रक्तचाप की जांच करानी चाहिए।

4. क्या भारतीय खाने से रक्तचाप बढ़ता है?

भारतीय खाने में नमक और तेल की मात्रा अधिक होने पर रक्तचाप बढ़ सकता है। कम नमक और हल्का भोजन चुनें।

 

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