- पित्त नली की पथरी (कोलेडोकोलिथियासिस) तब होती है जब पित्ताशय से निकली पथरी पित्त नली (बाइल डक्ट) में फंस जाती है।
- यह पित्त प्रवाह को बाधित कर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
पित्त नली की पथरी के लक्षण
- पेट के ऊपरी हिस्से में अचानक और तेज दर्द
- जी मिचलाना और उल्टी
- बुखार और ठंड लगना
- त्वचा और आंखों का पीला होना (पीलिया)
- गहरे रंग का मूत्र और हल्के रंग का मल
पित्त नली की पथरी के कारण
- पित्ताशय में बनी पथरियों का पित्त नली में चले जाना
- पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन का उच्च स्तर
- मोटापा
- गर्भावस्था
- सिरोसिस और हीमोलिटिक एनीमिया जैसी चिकित्सीय स्थितियां
पित्त नली की पथरी का निदान
- अल्ट्रासाउंड – पथरी की उपस्थिति की जांच
- सीटी स्कैन – अधिक स्पष्ट छवि प्राप्त करने के लिए
- एमआरआई – पित्त नली और संबंधित अंगों की विस्तृत जानकारी
- ईआरसीपी (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेडोकोपैंक्रिएटोग्राफी) – पथरी की सटीक स्थिति का पता लगाने और निकालने के लिए
पित्त नली की पथरी का उपचार
- दवाएं – संक्रमण रोकने और दर्द कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स व पेनकिलर
- ईआरसीपी – एंडोस्कोप के माध्यम से पित्त नली से पथरी हटाना
- सर्जरी – गंभीर मामलों में पित्ताशय को हटाने के लिए
पित्त नली की पथरी से बचाव
- स्वस्थ आहार – कम वसा और उच्च फाइबर वाला भोजन
- नियमित व्यायाम – स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए
- पर्याप्त पानी पिएं – शरीर को हाइड्रेटेड रखने और पित्त के सही प्रवाह के लिए
FAQs
Q.1 – पित्त नली की पथरी क्या होती है?
यह एक स्थिति है जिसमें पित्ताशय से निकली पथरी पित्त नली में फंस जाती है।
Q.2 – पित्त नली की पथरी के लक्षण क्या हैं?
इसमें पेट में तेज दर्द, जी मिचलाना, बुखार, और पीलिया शामिल हैं।
Q.3 – पित्त नली की पथरी का निदान कैसे किया जाता है?
अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, और ईआरसीपी जैसी विधियों से।
Q.4 – पित्त नली की पथरी का उपचार कैसे किया जाता है?
दवाओं, ईआरसीपी, और सर्जरी के माध्यम से।
Q.5 – पित्त नली की पथरी से कैसे बचा जा सकता है?
स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से।