उच्च रक्तचाप, जिसे अक्सर “साइलेंट किलर” के रूप में जाना जाता है, अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं है। यह समस्या अब युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। आधुनिक जीवनशैली, खराब खानपान, और तनावपूर्ण जीवन इसके प्रमुख कारणों में से हैं। लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि उच्च रक्तचाप कैसे और क्यों युवाओं में होता है, ताकि इसे रोका और नियंत्रित किया जा सके।
उच्च रक्तचाप क्या है?
उच्च रक्तचाप तब होता है जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह स्थिति दिल और अन्य अंगों पर दबाव डाल सकती है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह दो प्रकार के मापदंडों पर आधारित होता है: सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दबाव। सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg के आसपास होना चाहिए, लेकिन जब यह 140/90 mmHg से ऊपर जाता है, तो इसे उच्च रक्तचाप माना जाता है।
युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप की प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है?
हाल के वर्षों में, युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप के मामलों में तेज़ी आई है। इसके पीछे कई कारक हो सकते हैं, जो जीवनशैली और जैविक कारकों से जुड़े होते हैं। इस प्रवृत्ति को समझने के लिए, हमें इन कारणों को गहराई से जानने की आवश्यकता है।
जीवनशैली से संबंधित कारण
खराब खानपान
आजकल के युवा फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन कर रहे हैं। इन खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो रक्तचाप बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है। इसके अलावा, वसा और शक्कर युक्त आहार मोटापा बढ़ाते हैं, जो उच्च रक्तचाप का एक और जोखिम कारक है।
शारीरिक निष्क्रियता
टेक्नोलॉजी के युग में, शारीरिक गतिविधि में कमी आ गई है। युवा अब खेलकूद या शारीरिक श्रम की बजाय कंप्यूटर और मोबाइल पर अधिक समय बिताते हैं। शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन
युवा वर्ग में धूम्रपान और शराब का सेवन आम होता जा रहा है। निकोटिन और शराब रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देते हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। इसके अलावा, ये आदतें दिल की बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाती हैं।
तनाव और मानसिक दबाव
कैरियर, शिक्षा, और व्यक्तिगत जीवन से जुड़े तनाव युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप का एक और प्रमुख कारण हो सकते हैं। तनाव के दौरान शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो रक्तचाप को अस्थायी रूप से बढ़ा सकते हैं, और दीर्घकालिक तनाव से यह स्थिति स्थायी हो सकती है।
जैविक और आनुवांशिक कारण
पारिवारिक इतिहास
यदि आपके परिवार में उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो इसके होने की संभावना अधिक हो जाती है। आनुवांशिक रूप से, यह स्थिति पीढ़ियों के माध्यम से आगे बढ़ सकती है, और यह जोखिम युवा वयस्कों में भी हो सकता है।
मोटापा
मोटापा उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण है, खासकर युवा वर्ग में। जब शरीर में अतिरिक्त वसा जमा होती है, तो यह रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। इसके अलावा, मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकता है, जो उच्च रक्तचाप की संभावना को और बढ़ाता है।
हार्मोनल असंतुलन
कई बार हार्मोनल असंतुलन भी उच्च रक्तचाप का कारण हो सकता है। उदाहरण के लिए, थायरॉइड की समस्या या एड्रेनल ग्रंथियों में विकार रक्तचाप बढ़ा सकते हैं। यह स्थिति युवाओं में कम होती है, लेकिन इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
सामाजिक और पर्यावरणीय कारण
शहरीकरण और प्रदूषण
शहरीकरण और तेजी से बदलते पर्यावरणीय स्थितियों ने भी उच्च रक्तचाप के मामलों को बढ़ावा दिया है। शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, और अधिक काम का दबाव भी युवा वयस्कों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
नींद की कमी
नींद की कमी या अनियमित नींद का सीधा संबंध उच्च रक्तचाप से है। जब शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो यह तनाव हार्मोन को बढ़ाता है, जो रक्तचाप को प्रभावित करता है।
युवा महिलाओं में उच्च रक्तचाप के कारण
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
कई युवा महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, जिनमें एस्ट्रोजेन होता है। यह हार्मोन रक्तचाप को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान भी महिलाओं में उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
PCOS, जो हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, भी उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण हो सकता है। इस स्थिति में, महिलाओं का वजन बढ़ता है और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ जाता है, जो अंततः उच्च रक्तचाप का कारण बनता है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण
उच्च रक्तचाप के स्पष्ट लक्षण नहीं होते, इसलिए इसे “साइलेंट किलर” कहा जाता है। लेकिन कुछ संकेत होते हैं, जो यह संकेत देते हैं कि आपको रक्तचाप की जांच करवानी चाहिए:
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- धुंधला दिखना
- छाती में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
उच्च रक्तचाप के प्रभाव
अगर उच्च रक्तचाप का समय पर इलाज नहीं किया जाता, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इनमें शामिल हैं:
दिल का दौरा और स्ट्रोक
उच्च रक्तचाप दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी की समस्याएं
लंबे समय तक उच्च रक्तचाप किडनी पर बुरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे किडनी फेल होने का खतरा रहता है।
आंखों की समस्याएं
उच्च रक्तचाप आंखों की रक्त वाहिकाओं को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे धुंधला दिखना या दृष्टि खोने का खतरा बढ़ सकता है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कैसे करें?
संतुलित आहार
फलों, सब्जियों, और अनाजों से भरपूर आहार उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके अलावा, नमक का सेवन कम करना भी आवश्यक है।
नियमित व्यायाम
रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि से रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। योग और ध्यान भी तनाव कम करने में सहायक होते हैं।
धूम्रपान और शराब से बचें
धूम्रपान और शराब के सेवन से दूर रहकर आप अपने रक्तचाप को नियंत्रित रख सकते हैं। ये दोनों ही आदतें रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं।
नियमित जांच
यदि आपके परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास है या आप अन्य जोखिम कारकों से ग्रस्त हैं, तो नियमित रक्तचाप की जांच करवाते रहें। इससे समय पर इसका पता चल सकता है और इसे नियंत्रित करने के उपाय किए जा सकते हैं।
FAQs
Q.1 – क्या युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप सामान्य है?
हां, हाल के वर्षों में युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप के मामलों में वृद्धि हुई है। जीवनशैली, तनाव, और आनुवांशिक कारण इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं।
Q.2 – क्या धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ता है?
हां, धूम्रपान से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है।
Q.3 – क्या उच्च रक्तचाप का कोई इलाज है?
उच्च रक्तचाप का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे जीवनशैली में बदलाव और दवाओं के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है।
Q.4 – क्या गर्भनिरोधक गोलियां उच्च रक्तचाप का कारण बनती हैं?
हां, गर्भनिरोधक गोलियों में एस्ट्रोजेन होता है, जो कुछ महिलाओं में रक्तचाप बढ़ा सकता है।
Q.4 – क्या उच्च रक्तचाप से आँखों पर असर पड़ता है?
हां, उच्च रक्तचाप आंखों की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।