उच्च रक्तचाप, जिसे “हाइपरटेंशन” (Hypertension) के नाम से भी जाना जाता है, एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब रक्त वाहिकाओं में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। आजकल की तेज़ जीवनशैली और असंतुलित खानपान के कारण यह समस्या बहुत ही आम हो गई है। यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य घातक बीमारियों का कारण बन सकता है।
उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” (Silent Killer) भी कहा जाता है, क्योंकि यह अक्सर बिना किसी लक्षण के शरीर को अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचाता रहता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि उच्च रक्तचाप का दूसरा नाम क्या है, इसके कारण, लक्षण, उपचार और बचाव के तरीके क्या हैं।
उच्च रक्तचाप का दूसरा नाम
उच्च रक्तचाप का वैज्ञानिक नाम “हाइपरटेंशन” (Hypertension) है। यह एक मेडिकल शब्द है, जिसका उपयोग डॉक्टर और चिकित्सा विशेषज्ञ करते हैं। हिंदी में इसे “रक्तचाप का बढ़ना” या “अधिक रक्त दबाव” भी कहा जाता है।
इसके अलावा, उच्च रक्तचाप को कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है:
- साइलेंट किलर (Silent Killer)
- ब्लड प्रेशर की बीमारी
- हृदय संबंधी समस्या
इन नामों का प्रयोग इस स्थिति की गंभीरता को समझाने के लिए किया जाता है।
उच्च रक्तचाप क्या है?
उच्च रक्तचाप वह स्थिति है जब रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) में बहने वाले रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह दबाव तब बढ़ता है जब हृदय को रक्त को पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य रक्तचाप 120/80 mmHg होता है।
- सिस्टोलिक दबाव (ऊपरी संख्या): हृदय के संकुचन के समय रक्त वाहिकाओं पर दबाव।
- डायस्टोलिक दबाव (निचली संख्या): हृदय के आराम के समय रक्त वाहिकाओं पर दबाव।
यदि यह दबाव लगातार 140/90 mmHg या उससे अधिक हो जाए, तो इसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है।
उच्च रक्तचाप के प्रकार
- प्राथमिक उच्च रक्तचाप
यह सबसे आम प्रकार है। इसमें रक्तचाप बढ़ने का कोई स्पष्ट कारण नहीं होता। यह उम्र, जीवनशैली और आनुवंशिकी के कारण होता है। - द्वितीयक उच्च रक्तचाप
यह किसी अन्य बीमारी जैसे कि किडनी रोग, थायरॉइड समस्या या हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।
उच्च रक्तचाप के कारण
उच्च रक्तचाप के कई कारण हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- अस्वस्थ जीवनशैली: अधिक वसायुक्त भोजन, नमक की अधिक मात्रा और जंक फूड।
- शारीरिक गतिविधि की कमी: व्यायाम न करने से रक्तचाप बढ़ सकता है।
- तनाव और चिंता: मानसिक तनाव भी उच्च रक्तचाप का प्रमुख कारण है।
- मोटापा: शरीर का अधिक वजन रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ाता है।
- धूम्रपान और शराब का सेवन: ये आदतें रक्तचाप को तेजी से बढ़ाती हैं।
- आनुवंशिकी: यदि परिवार में किसी को यह समस्या है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
- उम्र का बढ़ना: बढ़ती उम्र के साथ रक्त वाहिकाएं कठोर हो जाती हैं।
उच्च रक्तचाप के लक्षण
अक्सर उच्च रक्तचाप के लक्षण स्पष्ट नहीं होते, इसलिए इसे साइलेंट किलर कहा जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में निम्न लक्षण दिख सकते हैं:
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- थकान महसूस होना
- सीने में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- नाक से खून आना
- धुंधला दिखाई देना
यदि ये लक्षण बार-बार दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के प्रभाव
अनियंत्रित उच्च रक्तचाप शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है:
- हृदय रोग: यह हृदय को कमजोर करता है और हृदयाघात (Heart Attack) का खतरा बढ़ाता है।
- स्ट्रोक: मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ने से स्ट्रोक हो सकता है।
- किडनी फेल्योर: उच्च रक्तचाप किडनी को प्रभावित कर सकता है।
- आंखों की समस्याएं: रक्तचाप बढ़ने से आंखों की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
- धमनियों का कठोर होना: इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है।
उच्च रक्तचाप का निदान कैसे किया जाता है?
उच्च रक्तचाप का निदान ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग के माध्यम से किया जाता है।
- डॉक्टर नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करते हैं।
- यदि लगातार तीन बार उच्च रक्तचाप पाया जाए, तो इसे हाइपरटेंशन माना जाता है।
उच्च रक्तचाप से बचाव के उपाय
- स्वस्थ आहार का पालन करें
- नमक का सेवन कम करें।
- हरी सब्जियां और फलों को भोजन में शामिल करें।
- कम वसा और कम कैलोरी वाला भोजन खाएं।
- नियमित व्यायाम करें
- प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें।
- पैदल चलना, योग और हल्के व्यायाम फायदेमंद हैं।
- तनाव को कम करें
- ध्यान (Meditation) और योग करें।
- गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें
- ये आदतें रक्तचाप को तेजी से बढ़ाती हैं।
- वजन नियंत्रित रखें
- मोटापा उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है।
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
- समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।
उच्च रक्तचाप के घरेलू उपाय
- लहसुन का सेवन
लहसुन में एलीसिन नामक तत्व होता है, जो रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। - आंवला का रस
आंवला में विटामिन C प्रचुर मात्रा में होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है। - मेथी के बीज
मेथी के बीजों का पाउडर खाली पेट लेने से लाभ मिलता है। - नींबू पानी
नींबू का सेवन रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है। - तुलसी के पत्ते
सुबह खाली पेट तुलसी के पत्तों का सेवन फायदेमंद है।
उच्च रक्तचाप का इलाज
उच्च रक्तचाप का इलाज दो तरीकों से किया जाता है:
- दवाइयों के माध्यम से
डॉक्टर रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां देते हैं। - जीवनशैली में बदलाव
- स्वस्थ आहार
- व्यायाम
- तनाव मुक्त जीवन
FAQs
Q.1 – उच्च रक्तचाप का दूसरा नाम क्या है?
उच्च रक्तचाप का दूसरा नाम हाइपरटेंशन (Hypertension) है।
Q.2 – क्या उच्च रक्तचाप का इलाज संभव है?
हां, सही दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
Q.3 – उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण क्या हैं?
मुख्य कारणों में अस्वस्थ आहार, मोटापा, तनाव, और आनुवंशिकी शामिल हैं।
Q.4 – क्या उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपाय कारगर हैं?
जी हां, लहसुन, आंवला, मेथी और तुलसी जैसे घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं।
Q.5 – उच्च रक्तचाप का सामान्य स्तर क्या होता है?
सामान्य रक्तचाप का स्तर 120/80 mmHg होता है।