tap.health logo
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Start Free Trial
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • All Hindi Blogs
  • Hindi
  • डायबिटिक रेटिनोपैथी लेजर उपचार

डायबिटिक रेटिनोपैथी लेजर उपचार

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 30, 2025

मधुमेह, जो एक गंभीर और लंबी अवधि की बीमारी है, शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती है। इस बीमारी के सबसे खतरनाक प्रभावों में से एक है डायबिटिक रेटिनोपैथी, जो आंखों की रेटिना (नेत्रजालिका) को प्रभावित करती है। यह स्थिति यदि समय पर इलाज न हो तो दृष्टि हानि का कारण बन सकती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी के उपचार के लिए लेजर तकनीक का उपयोग एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रगति है, जिसने लाखों लोगों की दृष्टि को बचाने में मदद की है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?

डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी स्थिति है जिसमें मधुमेह के कारण आंखों की रेटिना में रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। रेटिना वह भाग होता है जो प्रकाश को संसाधित करता है और उसे मस्तिष्क को भेजता है, जिससे हम देख सकते हैं। जब रेटिना की रक्त वाहिकाएं लीक होती हैं या पूरी तरह से बंद हो जाती हैं, तो इससे दृष्टि में धुंधलापन, ब्लैक स्पॉट्स, और यहां तक कि स्थायी अंधापन हो सकता है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण

डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुरुआत में अक्सर कोई लक्षण नहीं होते हैं। जैसे-जैसे यह स्थिति बढ़ती है, कुछ सामान्य लक्षण देखे जा सकते हैं:

  • दृष्टि में धुंधलापन
  • रात में देखने में कठिनाई
  • ब्लैक स्पॉट्स या फ्लोटर्स का दिखना
  • दृष्टि का आंशिक या पूर्ण खोना

यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं और उपरोक्त लक्षणों में से किसी को महसूस करते हैं, तो तुरंत आंखों के डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के प्रकार

डायबिटिक रेटिनोपैथी को दो मुख्य प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. नॉन-प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (NPDR):
    इस अवस्था में, रेटिना की रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं और उनमें से तरल पदार्थ या खून का रिसाव हो सकता है। यह प्रारंभिक चरण है, जिसमें दृष्टि हानि का खतरा कम होता है।
  2. प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (PDR):
    यह स्थिति अधिक गंभीर होती है, जिसमें नई, असामान्य रक्त वाहिकाएं रेटिना पर विकसित होती हैं। ये रक्त वाहिकाएं अक्सर लीक होती हैं, जिससे आंखों में रक्तस्राव और दृष्टि हानि हो सकती है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी का निदान

डायबिटिक रेटिनोपैथी का निदान आंखों की जांच द्वारा किया जाता है। कुछ प्रमुख परीक्षण हैं जो इस स्थिति का पता लगाने में मदद करते हैं:

  • डायलेटेड आई एग्जाम: इस परीक्षण में आंखों की पुतली को चौड़ा करने के लिए ड्रॉप्स का उपयोग किया जाता है, ताकि डॉक्टर रेटिना और रक्त वाहिकाओं की स्थिति को स्पष्ट रूप से देख सकें।
  • फ्लुओरेसीन एंजियोग्राफी: इसमें आंखों की रक्त वाहिकाओं को देखने के लिए एक विशेष डाई का उपयोग किया जाता है, जो क्षतिग्रस्त या लीकेज वाली रक्त वाहिकाओं को पहचानने में मदद करती है।
  • ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (OCT): यह एक गैर-आक्रामक परीक्षण है जो रेटिना की परतों की विस्तृत छवियां प्रदान करता है, जिससे द्रव का संचय या मोटाई का पता लगाया जा सकता है।

लेजर उपचार: डायबिटिक रेटिनोपैथी का प्रभावी समाधान

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए लेजर उपचार एक प्रभावी और व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली विधि है। यह उपचार रक्तस्राव को रोकने और रेटिना में नई, असामान्य रक्त वाहिकाओं के विकास को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस उपचार के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. पैन-रेटिनल फोटोकागुलेशन (PRP):
    PRP लेजर उपचार में, आंखों की रेटिना पर हजारों छोटी लेजर बीमों का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया असामान्य रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ने और आगे के रक्तस्राव को रोकने में मदद करती है। यह उपचार दृष्टि को स्थिर करने में अत्यधिक प्रभावी है, हालांकि यह दृष्टि में कुछ धुंधलापन या रात में देखने में कठिनाई का कारण बन सकता है।
  2. फोकल लेजर उपचार:
    यह उपचार विशेष रूप से उन मामलों में उपयोगी होता है जहां रेटिना की रक्त वाहिकाओं से तरल पदार्थ का रिसाव होता है। लेजर बीम का उपयोग उन विशिष्ट क्षेत्रों पर केंद्रित किया जाता है, जहां से रिसाव हो रहा होता है, जिससे द्रव का संचय रुकता है और दृष्टि को नुकसान से बचाया जा सकता है।
  3. मैक्रुलर ग्रिड लेजर:
    यह उपचार मुख्य रूप से मैक्रुला (रेटिना का केंद्रीय हिस्सा) को लक्षित करता है। इस प्रक्रिया में, लेजर बीम को मैक्रुला के चारों ओर एक ग्रिड पैटर्न में लागू किया जाता है, जिससे तरल पदार्थ के रिसाव को रोका जा सकता है और दृष्टि को संरक्षित किया जा सकता है।

लेजर उपचार की प्रक्रिया

लेजर उपचार आमतौर पर एक आउटपेशेंट प्रक्रिया होती है, जिसका मतलब है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती। उपचार के दौरान, मरीज की आंखों को सुन्न करने के लिए एक लोकल एनेस्थेसिया का उपयोग किया जाता है। इसके बाद, आंखों को स्थिर रखने के लिए एक विशेष लेंस का उपयोग किया जाता है, और फिर लेजर बीम को आंखों की रेटिना पर केंद्रित किया जाता है।

पूरी प्रक्रिया में लगभग 20-30 मिनट का समय लगता है, और मरीज तुरंत घर जा सकता है। हालांकि, उपचार के बाद कुछ घंटे तक दृष्टि में धुंधलापन हो सकता है, इसलिए मरीज को घर जाने के लिए किसी साथी की आवश्यकता हो सकती है।

लेजर उपचार के फायदे और जोखिम

लेजर उपचार डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। इसके कुछ प्रमुख फायदे हैं:

  • दृष्टि हानि को रोकने में अत्यधिक प्रभावी
  • सामान्यतः दर्द रहित और त्वरित प्रक्रिया
  • असामान्य रक्त वाहिकाओं के विकास को नियंत्रित करना

हालांकि, इस उपचार के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं, जैसे:

  • उपचार के बाद कुछ दिनों तक धुंधलापन
  • रात में देखने में कठिनाई
  • दृष्टि के कुछ हिस्सों में परिधीय दृष्टि का नुकसान

लेजर उपचार के बाद देखभाल

लेजर उपचार के बाद उचित देखभाल और नियमित जांच अत्यंत महत्वपूर्ण है। मरीज को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • उपचार के बाद कुछ दिनों तक आंखों को धूप से बचाने के लिए धूप के चश्मे का उपयोग करें।
  • डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें और निर्धारित दवाओं का सेवन करें।
  • नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं ताकि किसी भी संभावित समस्या का समय पर निदान किया जा सके।
  • मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें और आवश्यकतानुसार उपचार जारी रखें।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लेजर उपचार के दीर्घकालिक परिणाम

लेजर उपचार के दीर्घकालिक परिणाम आमतौर पर सकारात्मक होते हैं। हालांकि यह उपचार दृष्टि को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकता, लेकिन यह आगे की दृष्टि हानि को रोकने में प्रभावी है। कई मरीजों ने पाया है कि उपचार के बाद उनकी दृष्टि स्थिर हो गई है और वे सामान्य जीवन जीने में सक्षम हैं।

डायबिटिक रेटिनोपैथी की रोकथाम

डायबिटिक रेटिनोपैथी की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:

  • ब्लड शुगर का नियंत्रण: मधुमेह के प्रबंधन में सबसे महत्वपूर्ण कारक ब्लड शुगर का उचित नियंत्रण है। यह रेटिनोपैथी के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
  • नियमित आंखों की जांच: मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को नियमित रूप से आंखों की जांच करानी चाहिए ताकि किसी भी समस्या का समय रहते पता लगाया जा सके।
  • स्वस्थ आहार और व्यायाम: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम रक्त शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं और मधुमेह के प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं।
  • धूम्रपान से बचें: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे रेटिनोपैथी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए धूम्रपान से दूर रहना आवश्यक है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी एक गंभीर स्थिति है, जो समय पर निदान और उचित उपचार के बिना दृष्टि हानि का कारण बन सकती है। लेजर उपचार ने इस स्थिति के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे लाखों लोग दृष्टि हानि से बच सके हैं। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को नियमित आंखों की जांच करानी चाहिए और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचार का पालन करना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि मधुमेह के प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन किए जाएं, ताकि स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जिया जा सके।

FAQs

Q.1 – डायबिटिक रेटिनोपैथी के लेजर उपचार के बाद दृष्टि में सुधार होगा?
लेजर उपचार का मुख्य उद्देश्य दृष्टि को स्थिर करना और आगे की हानि को रोकना है। कुछ मामलों में, उपचार के बाद दृष्टि में हल्का सुधार हो सकता है, लेकिन यह उपचार दृष्टि को पूरी तरह से पुनःस्थापित नहीं कर सकता।

Q.2 – लेजर उपचार के लिए कितने सत्रों की आवश्यकता होती है?
यह पूरी तरह से मरीज की स्थिति और रेटिनोपैथी की गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ मरीजों को एक ही सत्र में पर्याप्त उपचार मिल सकता है, जबकि अन्य को कई सत्रों की आवश्यकता हो सकती है।

Q.3 – लेजर उपचार के बाद सामान्य जीवन जीना संभव है?
हां, लेजर उपचार के बाद अधिकांश मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं। हालांकि, उन्हें आंखों की देखभाल और मधुमेह प्रबंधन पर ध्यान देना आवश्यक है।

Q.4 – लेजर उपचार के लिए कौन से मरीज उपयुक्त नहीं होते?
कुछ मामलों में, जहां रेटिनोपैथी अत्यधिक उन्नत हो चुकी हो या जहां अन्य गंभीर नेत्र समस्याएं हों, लेजर उपचार उपयुक्त नहीं हो सकता। ऐसे मामलों में, डॉक्टर अन्य उपचार विकल्पों की सलाह दे सकते हैं।

Q.5 – लेजर उपचार के बाद क्या दृष्टि में धुंधलापन रहता है?
लेजर उपचार के बाद कुछ दिनों तक दृष्टि में धुंधलापन हो सकता है, लेकिन यह सामान्यतः अस्थायी होता है। यदि धुंधलापन लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

Tags

Medicine Health Lifestyle Home remedies Fitness Prevention Hygiene Ailments Hindi skin diseases acne vulgaris symptoms AI Search

Get the Taphealth app now!

More blogs

Dhruv Sharma
Written by
Dhruv Sharma
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Besan Glycemic Index: The Golden Flour for Blood Sugar Control

In every Indian kitchen, there is a jar of yellow flour that is the secret behind our favourite Pakoras, Kadhi, and Ladoos. We call it Besan (Gram Flour or Chickpea Flour). It is the soul of Indian comfort food. But for the millions of Indians battling Type 2 Diabetes, comfort food often comes with a […]

Diabetes
7 min read
Kripa Mishra
Written by
Kripa Mishra
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Sabudana Glycemic Index: The Truth Behind Your Favourite “Vrat” Food

In India, fasting (Vrat or Upvas) is a time for devotion, prayer, and… Sabudana! Whether it is the crispy Sabudana Vada during Navratri, the comforting Sabudana Khichdi for Ekadashi, or a sweet bowl of Kheer, those white pearls are everywhere. We consider Sabudana to be “light” and “pure.” We eat it believing it is a […]

Diabetes
6 min read
Manit Kathuria
Written by
Manit Kathuria
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Corn Glycemic Index: The Truth About “Bhutta” and Blood Sugar

In India, the arrival of the monsoon means one thing: the smell of roasted corn (Bhutta) wafting through the streets, rubbed with lemon, salt, and chili powder. In Punjab, winters are incomplete without Makki di Roti and Sarson da Saag. From movie theatre popcorn to sweet corn soup at weddings, corn is everywhere in our […]

Diabetes
8 min read

Subscribe to our mailing list & never miss an update

Smart Diabetes Care

AI-driven, fully personalized, and constantly
adapting to your needs in real time.

tap health
tap.health logo
copyright © 2025
GH-5/11B Orchid garden suncity,
sector-54, DLF QE, Gurugram, 122002,
Haryana, India
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Return / Shipping Policy
  • Terms and Conditions