tap.health logo
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Start Free Trial
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • All Hindi Blogs
  • Hindi
  • डिसफेजिया के लक्षण

डिसफेजिया के लक्षण

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 31, 2025
dysphagia-symptoms-in-hindi

डिसफेजिया, जिसे निगलने में कठिनाई के रूप में भी जाना जाता है, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो किसी व्यक्ति की खाने, पीने और यहां तक कि थूक को निगलने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, खासकर यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए। डिसफेजिया विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिसमें न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मांसपेशियों की कमजोरियाँ, और गले या एसोफेगस में रुकावट शामिल हैं।

डिसफेजिया क्या है?

डिसफेजिया एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें व्यक्ति को निगलने में कठिनाई होती है। यह कठिनाई ठोस भोजन, तरल पदार्थ, या यहां तक कि थूक को निगलने में भी हो सकती है। डिसफेजिया के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें ओरल डिसफेजिया (मुँह में कठिनाई), फैरिंजियल डिसफेजिया (गले में कठिनाई), और एसोफेजियल डिसफेजिया (एसोफेगस में कठिनाई) शामिल हैं।

डिसफेजिया के प्रमुख लक्षण

डिसफेजिया के लक्षण विभिन्न हो सकते हैं और इसके गंभीरता के आधार पर बदल सकते हैं। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  • निगलने में कठिनाई: यह सबसे आम लक्षण है और यह ठोस और तरल दोनों को निगलने में कठिनाई के रूप में प्रकट हो सकता है।
  • गले में दर्द: निगलने के समय गले में दर्द या असुविधा महसूस हो सकती है।
  • भोजन का अटकना: भोजन या तरल पदार्थ गले या छाती में अटक सकता है, जिससे दर्द और असुविधा हो सकती है।
  • थूक का निगलना कठिन: कुछ लोगों को थूक को निगलने में भी कठिनाई हो सकती है।
  • खांसी या घुटन: निगलते समय खांसी या घुटन का अनुभव हो सकता है, खासकर तरल पदार्थों के मामले में।
  • वजन कम होना: निगलने में कठिनाई के कारण खाने में कमी हो सकती है, जिससे वजन कम हो सकता है।
  • भोजन का वापस आना: निगलने के बाद भोजन का वापस गले या मुँह में आ जाना एक और आम लक्षण है।

डिसफेजिया के कारण

डिसफेजिया विभिन्न कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

न्यूरोलॉजिकल कारण

  • स्ट्रोक: स्ट्रोक मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे निगलने में कठिनाई हो सकती है।
  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस: यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो तंत्रिका तंतुओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे डिसफेजिया हो सकता है।
  • पार्किंसंस रोग: इस रोग के कारण मांसपेशियों की गतिविधि में कमी आती है, जिससे निगलने में कठिनाई हो सकती है।
  • एएलएस (अमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस): इस स्थिति में मांसपेशियों की कमजोरी और निगलने में कठिनाई होती है।

मांसपेशियों की समस्याएँ

  • मायस्थेनिया ग्रेविस: यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है जो मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है, जिससे निगलने में कठिनाई होती है।
  • डर्माटोमायोसाइटिस: इस स्थिति में मांसपेशियों में सूजन और कमजोरी होती है।

गले और एसोफेगस की समस्याएँ

  • एसोफेजियल कैंसर: गले या एसोफेगस में कैंसर निगलने में रुकावट पैदा कर सकता है।
  • गेस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD): इस स्थिति में पेट का एसिड एसोफेगस में वापस आता है, जिससे निगलने में कठिनाई हो सकती है।
  • एसोफेजियल स्ट्रिक्चर: एसोफेगस के संकुचन से निगलने में कठिनाई हो सकती है।

अन्य कारण

  • एलर्जी: कुछ खाद्य पदार्थों या एलर्जी के कारण गले में सूजन हो सकती है, जिससे निगलने में कठिनाई हो सकती है।
  • संक्रमण: गले या एसोफेगस के संक्रमण से भी डिसफेजिया हो सकता है।

डिसफेजिया का निदान

डिसफेजिया के निदान के लिए विभिन्न परीक्षण और प्रक्रियाएं की जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षा: डॉक्टर रोगी की मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षा के आधार पर प्रारंभिक निदान कर सकते हैं।
  • बैरीअम स्वैलो: इस परीक्षण में बैरीअम के साथ निगलने वाले तरल का उपयोग करके एसोफेगस की एक्स-रे की जाती है।
  • एंडोस्कोपी: इस प्रक्रिया में एक लचीली ट्यूब के साथ एक कैमरा गले और एसोफेगस में डाला जाता है।
  • मैनोमेट्री: इस परीक्षण में एसोफेगस की मांसपेशियों की गतिविधियों को मापा जाता है।
  • पीएच मॉनिटरिंग: इस परीक्षण से पेट के एसिड के स्तर को मापा जाता है।

डिसफेजिया का उपचार

डिसफेजिया का उपचार उसके कारण और गंभीरता के आधार पर किया जाता है। उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:

मेडिकल उपचार

  • दवाइयाँ: GERD या अन्य स्थितियों के लिए दवाइयाँ दी जा सकती हैं।
  • एंटीबायोटिक्स: संक्रमण के मामले में एंटीबायोटिक्स का उपयोग किया जा सकता है।

सर्जिकल उपचार

  • एसोफेजियल डायलेशन: इस प्रक्रिया में एसोफेगस के संकुचन को चौड़ा करने के लिए एक उपकरण का उपयोग किया जाता है।
  • एसोफेजियल स्टेंटिंग: इस प्रक्रिया में एसोफेगस में एक स्टेंट डाला जाता है ताकि निगलने में आसानी हो।

थेरेपी

  • स्वैलोइंग थेरेपी: यह थेरेपी एक विशेष चिकित्सक द्वारा प्रदान की जाती है जो निगलने में सुधार करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है।
  • डायटरी चेंजेज: कुछ मामलों में, आहार में बदलाव से निगलने में सुधार हो सकता है।

डिसफेजिया के साथ जीना: युक्तियाँ और सुझाव

डिसफेजिया के साथ जीना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ युक्तियों और सुझावों का पालन करके इसे आसान बनाया जा सकता है:

  • धीरे-धीरे और छोटे कौर में खाएं: खाने के समय छोटे कौर लें और धीरे-धीरे खाएं।
  • सही पोस्चर में बैठें: खाने के समय सही पोस्चर में बैठें ताकि निगलने में आसानी हो।
  • तरल पदार्थों का उपयोग करें: तरल पदार्थ निगलने में आसान होते हैं, इसलिए इन्हें आहार में शामिल करें।
  • खाने के बाद सीधे बैठें: खाने के बाद कुछ समय तक सीधे बैठें ताकि भोजन अच्छी तरह से पेट में चला जाए।

डिसफेजिया और इसके मानसिक प्रभाव

डिसफेजिया केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति से ग्रसित व्यक्ति को चिंता, अवसाद, और सामाजिक अलगाव का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य का।

डिसफेजिया के लिए योग और व्यायाम

योग और कुछ विशेष व्यायाम निगलने की क्षमता में सुधार कर सकते हैं। इनसे मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है और निगलने की प्रक्रिया में सहायता मिलती है। योग के कुछ आसन जैसे ‘भुजंगासन’ और ‘सर्वांगासन’ निगलने की मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं।

डिसफेजिया के मामले में खानपान का महत्व

डिसफेजिया के मरीजों के लिए सही खानपान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्हें उच्च पोषण वाले आहार का चयन करना चाहिए जो आसानी से निगला जा सके। तरल और मुलायम खाद्य पदार्थों का सेवन करें, और मसालेदार या कठोर खाद्य पदार्थों से बचें।

डिसफेजिया एक गंभीर स्थिति हो सकती है जो व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। इसके लक्षणों को पहचानना और समय पर चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है। सही उपचार और देखभाल से डिसफेजिया को नियंत्रित किया जा सकता है और निगलने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है। यह जानकारी आपके और आपके प्रियजनों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है, और उचित चिकित्सा सलाह से स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।

FAQs

Q.1 – डिसफेजिया के प्रमुख लक्षण क्या हैं? 

डिसफेजिया के प्रमुख लक्षणों में निगलने में कठिनाई, गले में दर्द, भोजन का अटकना, खांसी या घुटन, और वजन कम होना शामिल हैं।

Q.2 – डिसफेजिया के कारण क्या होते हैं? 

डिसफेजिया के कारणों में न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, मांसपेशियों की कमजोरी, गले या एसोफेगस में रुकावट, एलर्जी, और संक्रमण शामिल हो सकते हैं।

Q.3 – डिसफेजिया का निदान कैसे किया जाता है? 

डिसफेजिया का निदान मेडिकल हिस्ट्री, शारीरिक परीक्षा, बैरीअम स्वैलो, एंडोस्कोपी, मैनोमेट्री, और पीएच मॉनिटरिंग के माध्यम से किया जा सकता है।

Q.4 – डिसफेजिया का उपचार कैसे किया जाता है? 

डिसफेजिया का उपचार उसके कारण और गंभीरता के आधार पर दवाइयों, सर्जिकल प्रक्रियाओं, स्वैलोइंग थेरेपी, और आहार में बदलाव के माध्यम से किया जा सकता है।

Q.5 – डिसफेजिया के साथ जीने के लिए क्या युक्तियाँ हैं? 

डिसफेजिया के साथ जीने के लिए धीरे-धीरे और छोटे कौर में खाएं, सही पोस्चर में बैठें, तरल पदार्थों का उपयोग करें, और खाने के बाद सीधे बैठें।

Tags

Medicine Health Lifestyle Home remedies Fitness Prevention Hygiene Ailments Hindi skin diseases acne vulgaris symptoms AI Search

Get the Taphealth app now!

More blogs

Dhruv Sharma
Written by
Dhruv Sharma
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Besan Glycemic Index: The Golden Flour for Blood Sugar Control

In every Indian kitchen, there is a jar of yellow flour that is the secret behind our favourite Pakoras, Kadhi, and Ladoos. We call it Besan (Gram Flour or Chickpea Flour). It is the soul of Indian comfort food. But for the millions of Indians battling Type 2 Diabetes, comfort food often comes with a […]

Diabetes
7 min read
dysphagia-symptoms-in-hindi
Kripa Mishra
Written by
Kripa Mishra
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Sabudana Glycemic Index: The Truth Behind Your Favourite “Vrat” Food

In India, fasting (Vrat or Upvas) is a time for devotion, prayer, and… Sabudana! Whether it is the crispy Sabudana Vada during Navratri, the comforting Sabudana Khichdi for Ekadashi, or a sweet bowl of Kheer, those white pearls are everywhere. We consider Sabudana to be “light” and “pure.” We eat it believing it is a […]

Diabetes
6 min read
dysphagia-symptoms-in-hindi
Manit Kathuria
Written by
Manit Kathuria
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Corn Glycemic Index: The Truth About “Bhutta” and Blood Sugar

In India, the arrival of the monsoon means one thing: the smell of roasted corn (Bhutta) wafting through the streets, rubbed with lemon, salt, and chili powder. In Punjab, winters are incomplete without Makki di Roti and Sarson da Saag. From movie theatre popcorn to sweet corn soup at weddings, corn is everywhere in our […]

Diabetes
8 min read
dysphagia-symptoms-in-hindi

Subscribe to our mailing list & never miss an update

Smart Diabetes Care

AI-driven, fully personalized, and constantly
adapting to your needs in real time.

tap health
tap.health logo
copyright © 2025
GH-5/11B Orchid garden suncity,
sector-54, DLF QE, Gurugram, 122002,
Haryana, India
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Return / Shipping Policy
  • Terms and Conditions