tap.health logo
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
Start Free Trial
  • Diabetes Management
  • Health Assistant
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • All Hindi Blogs
  • Hindi
  • उच्च रक्तचाप की श्रेणियाँ  

उच्च रक्तचाप की श्रेणियाँ  

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 30, 2025
high-blood-pressure-range

आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इन्हीं में से एक गंभीर समस्या है उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर)। उच्च रक्तचाप, जिसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, लंबे समय तक नियंत्रण में न रहे तो यह हृदय रोग, किडनी की समस्या, और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर की पहचान और इसका प्रभाव समझने के लिए इसके विभिन्न स्तरों को समझना ज़रूरी है। इसके अलावा, जीवनशैली में बदलाव करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। 

उच्च रक्तचाप क्या है?

उच्च रक्तचाप तब होता है जब धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह स्थिति हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालती है, जिससे दीर्घकालिक रूप से हृदय, मस्तिष्क, किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पहुँच सकता है।
रक्तचाप को सामान्यत: दो संख्याओं में मापा जाता है:

  • सिस्टोलिक दबाव: यह वह दबाव है जो आपके हृदय की धड़कन के दौरान धमनियों पर पड़ता है।
  • डायस्टोलिक दबाव: यह वह दबाव है जब हृदय धड़कन के बीच आराम की स्थिति में होता है।

उदाहरण के लिए, यदि आपका रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी है, तो इसका अर्थ है कि सिस्टोलिक दबाव 120 मिमी एचजी और डायस्टोलिक दबाव 80 मिमी एचजी है।

उच्च रक्तचाप की सामान्य श्रेणियाँ

उच्च रक्तचाप को चार मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

  1. सामान्य रक्तचाप
    सामान्य रक्तचाप वह होता है जो 120/80 मिमी एचजी से कम होता है। इस स्तर पर, दिल और रक्त वाहिकाओं पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं होता, और स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं होता।
  2. प्रीहाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप पूर्वावस्था)
    जब रक्तचाप 120-139 मिमी एचजी (सिस्टोलिक) या 80-89 मिमी एचजी (डायस्टोलिक) के बीच हो, तो इसे प्रीहाइपरटेंशन कहा जाता है। इस स्तर पर, आपको अपने जीवनशैली में बदलाव करने की सख्त आवश्यकता होती है ताकि उच्च रक्तचाप में तब्दील न हो।
  3. स्टेज 1 हाइपरटेंशन (चरण 1 उच्च रक्तचाप)
    इस श्रेणी में रक्तचाप 140-159 मिमी एचजी (सिस्टोलिक) या 90-99 मिमी एचजी (डायस्टोलिक) होता है। इस स्थिति में, डॉक्टर आपको जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ दवाइयाँ लेने की सलाह दे सकते हैं।
  4. स्टेज 2 हाइपरटेंशन (चरण 2 उच्च रक्तचाप)
    यह उच्च रक्तचाप का गंभीर स्तर होता है, जिसमें रक्तचाप 160 मिमी एचजी (सिस्टोलिक) या 100 मिमी एचजी (डायस्टोलिक) से अधिक होता है। इस स्तर पर, दवाइयाँ अनिवार्य हो जाती हैं और आपको नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

उच्च रक्तचाप के कारण

उच्च रक्तचाप के कई कारण हो सकते हैं। इसमें कुछ सामान्य कारण और जोखिम कारक शामिल हैं:

  1. अनुवांशिक प्रवृत्ति
    यदि आपके परिवार में किसी को उच्च रक्तचाप है, तो आपको भी इसका खतरा हो सकता है। अनुवांशिक कारण उच्च रक्तचाप के प्रमुख कारकों में से एक हैं।
  2. आयु बढ़ना
    उम्र बढ़ने के साथ, धमनियाँ कठोर हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना अधिक होती है। आमतौर पर, 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या देखने को मिलती है।
  3. मोटापा
    अत्यधिक वजन या मोटापा भी रक्तचाप को बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। शरीर का अतिरिक्त वजन रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है।
  4. अस्वास्थ्यकर खानपान
    खानपान में अत्यधिक नमक, वसा, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी उच्च रक्तचाप का एक कारण बन सकता है। नमक के सेवन से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ता है।
  5. शारीरिक गतिविधियों की कमी
    यदि आप पर्याप्त शारीरिक गतिविधियाँ नहीं करते हैं, तो आपकी धमनियाँ कठोर हो सकती हैं, और हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे रक्तचाप बढ़ सकता है।
  6. मानसिक तनाव
    लगातार मानसिक तनाव और चिंता भी रक्तचाप को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तनावपूर्ण परिस्थितियों में हृदय तेजी से धड़कने लगता है, जिससे रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है और रक्तचाप बढ़ जाता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण

उच्च रक्तचाप को “साइलेंट किलर” कहा जाता है, क्योंकि यह सामान्यत: बिना किसी स्पष्ट लक्षण के विकसित हो जाता है। लेकिन कुछ मामलों में, इसके कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. सिरदर्द
    उच्च रक्तचाप के कारण सिर में दबाव बढ़ता है, जिससे बार-बार सिरदर्द हो सकता है, विशेषकर सुबह के समय।
  2. चक्कर आना और बेहोशी
    अगर आपका रक्तचाप अचानक से बढ़ता है, तो आपको चक्कर आ सकता है या आप बेहोश हो सकते हैं।
  3. सांस फूलना
    उच्च रक्तचाप के कारण हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे सांस फूलने की समस्या हो सकती है।
  4. नाक से खून आना
    हालांकि यह एक आम लक्षण नहीं है, लेकिन अचानक और बिना किसी कारण के नाक से खून आना भी उच्च रक्तचाप का संकेत हो सकता है।
  5. धुंधली दृष्टि
    अगर आपके रक्तचाप का स्तर बहुत अधिक हो गया है, तो आपको दृष्टि में धुंधलापन महसूस हो सकता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है और तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो सकती है।

उच्च रक्तचाप का निदान कैसे होता है?

उच्च रक्तचाप का निदान करने के लिए नियमित रूप से रक्तचाप की जाँच आवश्यक होती है। डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करके उच्च रक्तचाप का निदान करते हैं:

  1. रक्तचाप मापना
    यह सबसे सामान्य तरीका है जिसमें डॉक्टर रक्तचाप मापने के लिए एक विशेष यंत्र का उपयोग करते हैं। इसे नियमित रूप से मापकर रक्तचाप के स्तर का पता लगाया जा सकता है।
  2. घरेलू रक्तचाप मॉनिटरिंग
    अगर आपका रक्तचाप अक्सर बढ़ा हुआ रहता है, तो डॉक्टर आपको घर पर भी रक्तचाप मापने की सलाह दे सकते हैं। इससे आप अपने रक्तचाप को नियमित रूप से ट्रैक कर सकते हैं।
  3. रक्त परीक्षण
    उच्च रक्तचाप से जुड़े अन्य कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके खून की जाँच कर सकते हैं, जैसे कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर और किडनी की कार्यक्षमता।
  4. इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)
    यह परीक्षण हृदय की विद्युत गतिविधियों की जाँच करने के लिए किया जाता है। उच्च रक्तचाप के कारण हृदय पर असर पड़ सकता है, जिसकी पहचान ECG के माध्यम से की जा सकती है।

उच्च रक्तचाप का उपचार

उच्च रक्तचाप का उपचार जीवनशैली में बदलाव और दवाइयों के माध्यम से किया जा सकता है। यदि आपके रक्तचाप का स्तर सामान्य से अधिक है, तो निम्नलिखित उपचार विधियाँ सहायक हो सकती हैं:

  1. जीवनशैली में बदलाव
    उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करना बेहद आवश्यक होता है। इसमें नियमित शारीरिक व्यायाम, स्वस्थ आहार, और धूम्रपान एवं शराब का सेवन कम करना शामिल है।
  2. नमक का सेवन कम करना
    नमक का अत्यधिक सेवन उच्च रक्तचाप का एक मुख्य कारण होता है। प्रतिदिन नमक का सेवन सीमित करने से रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद मिल सकती है।
  3. वजन नियंत्रित रखना
    यदि आप अधिक वजन या मोटापे के शिकार हैं, तो वजन कम करने से भी रक्तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। वजन कम करने से हृदय को सामान्य रूप से काम करने में मदद मिलती है।
  4. मानसिक तनाव को कम करना
    योग, ध्यान, और गहरी साँस लेने की तकनीकों के माध्यम से मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
  5. दवाइयों का सेवन
    यदि जीवनशैली में बदलाव से रक्तचाप नियंत्रित नहीं हो पा रहा है, तो डॉक्टर आपको उच्च रक्तचाप की दवाइयाँ दे सकते हैं। ये दवाइयाँ रक्त वाहिकाओं के दबाव को कम करती हैं और हृदय पर दबाव को कम करने में मदद करती हैं।
उच्च रक्तचाप से बचाव के उपाय

उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

  • संतुलित आहार लें: अधिक फल, सब्जियाँ, और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
  • नियमित व्यायाम करें: दिन में कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि करें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: ये रक्तचाप को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक होते हैं।
  • नियमित रूप से रक्तचाप मापें: रक्तचाप की नियमित जाँच से समस्या का पता पहले ही लग जाता है, जिससे समय पर इलाज संभव होता है।

उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्थिति है जिसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। समय पर निदान और उचित उपचार के माध्यम से इसे नियंत्रित रखा जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम से आप उच्च रक्तचाप से बच सकते हैं।

FAQs

Q.1 – उच्च रक्तचाप का सामान्य स्तर क्या होता है?
सामान्य रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी या इससे कम होता है।

Q.2 – क्या उच्च रक्तचाप जानलेवा हो सकता है?
अगर इसे लंबे समय तक अनदेखा किया जाए, तो उच्च रक्तचाप दिल का दौरा, स्ट्रोक, और किडनी फेलियर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है।

Q.3 – उच्च रक्तचाप के क्या कारण हैं?
उच्च रक्तचाप के कारणों में अनुवांशिक प्रवृत्ति, उम्र, मोटापा, अस्वास्थ्यकर खानपान, और तनाव शामिल हैं।

Q.4 – उच्च रक्तचाप के लक्षण क्या हैं?
उच्च रक्तचाप के लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, सांस फूलना, और नाक से खून आना शामिल हो सकते हैं।

Q.5 – क्या उच्च रक्तचाप का इलाज संभव है?
जी हाँ, जीवनशैली में बदलाव और दवाइयों के माध्यम से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

Tags

Medicine Health Lifestyle Home remedies Fitness Prevention Hygiene Ailments Hindi skin diseases acne vulgaris symptoms AI Search

Get the Taphealth app now!

More blogs

Dhruv Sharma
Written by
Dhruv Sharma
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Besan Glycemic Index: The Golden Flour for Blood Sugar Control

In every Indian kitchen, there is a jar of yellow flour that is the secret behind our favourite Pakoras, Kadhi, and Ladoos. We call it Besan (Gram Flour or Chickpea Flour). It is the soul of Indian comfort food. But for the millions of Indians battling Type 2 Diabetes, comfort food often comes with a […]

Diabetes
7 min read
high-blood-pressure-range
Kripa Mishra
Written by
Kripa Mishra
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Sabudana Glycemic Index: The Truth Behind Your Favourite “Vrat” Food

In India, fasting (Vrat or Upvas) is a time for devotion, prayer, and… Sabudana! Whether it is the crispy Sabudana Vada during Navratri, the comforting Sabudana Khichdi for Ekadashi, or a sweet bowl of Kheer, those white pearls are everywhere. We consider Sabudana to be “light” and “pure.” We eat it believing it is a […]

Diabetes
6 min read
high-blood-pressure-range
Manit Kathuria
Written by
Manit Kathuria
Nishat Anjum
Reviewed by:
Nishat Anjum
Posted on
December 29, 2025

Corn Glycemic Index: The Truth About “Bhutta” and Blood Sugar

In India, the arrival of the monsoon means one thing: the smell of roasted corn (Bhutta) wafting through the streets, rubbed with lemon, salt, and chili powder. In Punjab, winters are incomplete without Makki di Roti and Sarson da Saag. From movie theatre popcorn to sweet corn soup at weddings, corn is everywhere in our […]

Diabetes
8 min read
high-blood-pressure-range

Subscribe to our mailing list & never miss an update

Smart Diabetes Care

AI-driven, fully personalized, and constantly
adapting to your needs in real time.

tap health
tap.health logo
copyright © 2025
GH-5/11B Orchid garden suncity,
sector-54, DLF QE, Gurugram, 122002,
Haryana, India
  • About Us
  • Blog
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Return / Shipping Policy
  • Terms and Conditions