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37 सप्ताह की गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप: माँ और बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी जानकारी

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
November 21, 2025
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गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) एक गंभीर समस्या हो सकती है, खासकर जब यह 37 सप्ताह जैसे अंतिम चरण में हो। यह स्थिति न केवल माँ के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए भी जटिलताएं पैदा कर सकती है। 

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप क्या है?

उच्च रक्तचाप तब होता है जब रक्त वाहिकाओं में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक हो जाता है। यह गर्भावस्था के दौरान दो प्रकार का हो सकता है:

  1. गर्भावस्था-प्रेरित उच्च रक्तचाप: यह गर्भावस्था के दौरान पहली बार उत्पन्न होता है।
  2. पुराना उच्च रक्तचाप: यह स्थिति गर्भावस्था से पहले से ही मौजूद होती है।

यदि गर्भावस्था के 20 सप्ताह के बाद उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होती है, तो इसे प्रीक्लेम्पसिया कहा जाता है, जो गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।

37 सप्ताह की गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के कारण

37 सप्ताह की गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास
  • पहली बार गर्भधारण
  • अत्यधिक वजन
  • गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक शारीरिक और मानसिक तनाव
  • मल्टीपल प्रेगनेंसी (जुड़वा या अधिक बच्चे)
  • अनियमित आहार और जीवनशैली

यह स्थिति सामान्य गर्भधारण की तुलना में अधिक गंभीर हो सकती है, इसलिए इन कारणों की पहचान करना और सही समय पर उपचार प्राप्त करना आवश्यक है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण 37 सप्ताह की गर्भावस्था में

37 सप्ताह की गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के कुछ प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों की पहचान करना और समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है:

  • अत्यधिक सिरदर्द
  • धुंधला दिखना या दृष्टि संबंधी समस्याएं
  • सांस लेने में कठिनाई
  • चेहरे, हाथों, या पैरों में सूजन
  • गंभीर पेट दर्द (खासकर दाईं ओर)
  • थकान और कमजोरी महसूस करना

इन लक्षणों का अनुभव करने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है, क्योंकि ये प्रीक्लेम्पसिया जैसे गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं।

प्रीक्लेम्पसिया: गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का गंभीर रूप

प्रीक्लेम्पसिया उच्च रक्तचाप का एक गंभीर रूप है जो 20 सप्ताह के बाद विकसित हो सकता है। यह न केवल माँ बल्कि भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। 37 सप्ताह की गर्भावस्था में प्रीक्लेमसिया के संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • प्रोटीन का मूत्र में उच्च स्तर पर होना
  • तेजी से वजन बढ़ना
  • रक्त परीक्षण में असामान्यता

प्रीक्लेमसिया का समय पर निदान और उपचार करना महत्वपूर्ण है, ताकि माँ और बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के प्रभाव

गर्भावस्था के अंतिम चरण में उच्च रक्तचाप का असर माँ और शिशु दोनों पर हो सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • प्रीटर्म डिलीवरी: उच्च रक्तचाप के कारण डॉक्टर समय से पहले प्रसव करने की सलाह दे सकते हैं।
  • प्लेसेंटा से संबंधित समस्याएं: उच्च रक्तचाप प्लेसेंटा के सही तरीके से काम न करने का कारण बन सकता है, जिससे शिशु को पोषण और ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
  • शिशु का कम वजन: उच्च रक्तचाप के कारण शिशु का वजन सामान्य से कम हो सकता है।
  • माँ के अंगों पर असर: उच्च रक्तचाप माँ के हृदय, गुर्दे, और लिवर पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

37 सप्ताह की गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का निदान कैसे किया जाता है?

उच्च रक्तचाप का निदान करने के लिए डॉक्टर आपके रक्तचाप को नियमित रूप से मापते हैं। यदि रक्तचाप 140/90 mm Hg से अधिक हो, तो यह उच्च रक्तचाप का संकेत हो सकता है। इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:

  • मूत्र परीक्षण: प्रोटीन की उपस्थिति की जांच के लिए।
  • रक्त परीक्षण: अंगों के सही काम करने की जांच के लिए।
  • अल्ट्रासाउंड: शिशु के विकास की निगरानी के लिए।
  • फिटल मॉनिटरिंग: शिशु के दिल की धड़कन की निगरानी के लिए।

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के उपचार के तरीके

गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कई उपचार और प्रबंधन के तरीके हैं। कुछ सामान्य उपचार विकल्प निम्नलिखित हैं:

  • दवाइयां: डॉक्टर आपको उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षित दवाइयां दे सकते हैं।
  • आराम और तनाव कम करना: तनाव को कम करने और आराम के लिए योग और ध्यान जैसे उपाय प्रभावी हो सकते हैं।
  • संतुलित आहार: अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें और नमक का सेवन कम करें।
  • नियमित जांच: अपने डॉक्टर के साथ नियमित रूप से परामर्श करते रहें और शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी करें।

उच्च रक्तचाप की स्थिति में गर्भवती महिलाओं के लिए आहार

गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आहार का सही संतुलन महत्वपूर्ण है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • नमक का सेवन कम करें: नमक का अधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है, इसलिए इसे नियंत्रित मात्रा में लें।
  • फल और सब्जियां खाएं: पोटैशियम युक्त फल और सब्जियां रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  • प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करें: आहार में प्रोटीन शामिल करें, जो माँ और शिशु के लिए आवश्यक है।
  • तरल पदार्थ पिएं: पानी और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में पिएं, जिससे शरीर में द्रव संतुलन बना रहे।
गर्भावस्था के दौरान तनाव कम करने के उपाय

गर्भावस्था के दौरान तनाव उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। इसलिए, तनाव को कम करने के कुछ प्रभावी तरीके निम्नलिखित हैं:

  • योग और ध्यान: शारीरिक और मानसिक शांति के लिए योग और ध्यान एक अद्भुत उपाय है।
  • गहरी सांस लेना: गहरी सांस लेना तनाव को कम करने का सबसे सरल तरीका है।
  • परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं: अपने प्रियजनों के साथ समय बिताकर मानसिक शांति प्राप्त करें।
  • स्वस्थ शौक अपनाएं: पढ़ाई, पेंटिंग, संगीत सुनना जैसे शौक आपके मन को शांति प्रदान कर सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए योग के लाभ

गर्भावस्था के दौरान योग करना न केवल तनाव को कम करता है बल्कि यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। योग के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सांस की क्षमता में सुधार: योग से श्वसन प्रणाली मजबूत होती है, जिससे आपको आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है।
  • तनाव में कमी: योग मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
  • शरीर की लचीलेपन में वृद्धि: योग करने से शरीर लचीला बनता है, जो प्रसव के समय सहायक होता है।
  • रक्तचाप को नियंत्रित करता है: योग से शरीर का रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

37 सप्ताह की गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन सही समय पर निदान और उचित देखभाल से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है, ताकि आप और आपका शिशु स्वस्थ रह सकें। इस लेख में बताए गए कारणों, लक्षणों, और उपचारों के जरिए आप इस स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कर सकते हैं।

FAQs

Q.1 – क्या उच्च रक्तचाप के कारण शिशु पर कोई असर होगा?
हाँ, उच्च रक्तचाप शिशु के विकास में बाधा डाल सकता है और उसे कम वजन का जन्म हो सकता है। समय पर उपचार और निगरानी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

Q.2 – क्या प्रीक्लेम्पसिया के लक्षण खतरनाक हो सकते हैं?
प्रीक्लेम्पसिया के लक्षण गंभीर हो सकते हैं और इसे तुरंत चिकित्सकीय ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इससे माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।

Q.3 – क्या 37 सप्ताह पर सी-सेक्शन की आवश्यकता होती है?
यदि उच्च रक्तचाप गंभीर है और शिशु की स्थिति ठीक नहीं है, तो डॉक्टर सी-सेक्शन की सलाह दे सकते हैं।

Q.4 – क्या गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का पूरी तरह इलाज हो सकता है?
उच्च रक्तचाप को पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं हो सकता है, लेकिन इसे प्रबंधन के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है।

Q.5 – क्या योग गर्भावस्था में सुरक्षित है?
हाँ, योग गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित और लाभकारी है। हालांकि, किसी भी व्यायाम को शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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