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गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप से बचाव के प्राकृतिक उपाय

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
May 31, 2025
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गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जब महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इन बदलावों में हार्मोनल उतार-चढ़ाव, वजन में वृद्धि, और अन्य शारीरिक परिवर्तन शामिल होते हैं। इन सबके बीच, उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) गर्भवती महिलाओं के लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है, जिससे माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के लिए दवाओं का उपयोग होता है, लेकिन प्राकृतिक उपायों से इसे नियंत्रित और रोका जा सकता है। इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए प्राकृतिक उपायों पर चर्चा करेंगे।

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप क्यों होता है?

गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं के शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है और दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके कारण कुछ महिलाओं में रक्तचाप बढ़ सकता है। गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप होने के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • प्री-एक्लेम्प्सिया: यह गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप का एक गंभीर रूप है, जो ज्यादातर दूसरी तिमाही के बाद होता है।
  • वजन का अत्यधिक बढ़ना: गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक वजन बढ़ने से रक्तचाप बढ़ सकता है।
  • अनुवांशिक कारक: अगर परिवार में किसी को उच्च रक्तचाप की समस्या रही है, तो गर्भवती महिला को भी इसका खतरा हो सकता है।
  • शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित शारीरिक गतिविधि न करने से भी रक्तचाप बढ़ सकता है।
  • अनियमित आहार: अत्यधिक नमक और वसा युक्त भोजन का सेवन भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप के लक्षण

गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिन्हें पहचानना बहुत जरूरी है ताकि समय पर उपचार किया जा सके। ये लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • सिरदर्द
  • धुंधली दृष्टि या आंखों के सामने अंधेरा छा जाना
  • हाथों और चेहरे की सूजन
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • अत्यधिक थकान
  • उल्टी या मतली

यदि आप गर्भावस्था में इन लक्षणों को महसूस कर रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप से बचाव के प्राकृतिक उपाय

1. संतुलित आहार का सेवन

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन। आहार में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। ऐसे भोजन का चयन करें जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हों और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करें।

  • नमक का सेवन कम करें: नमक का अत्यधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है। गर्भावस्था के दौरान कम नमक वाले भोजन का चयन करना चाहिए।
  • पोटेशियम युक्त आहार: पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। केले, शकरकंद, पालक, और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • मछली और अखरोट: मछली, विशेष रूप से सैल्मन और अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं।

2. नियमित व्यायाम

गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम करने से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि यह रक्तचाप को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है। डॉक्टर की सलाह से हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे योग, पैदल चलना, या तैराकी जैसी गतिविधियां कर सकती हैं।

  • योग और प्राणायाम: योग और गहरी साँस लेने की तकनीक (प्राणायाम) रक्तचाप को कम करने में मदद करती है और तनाव को दूर करती है। गर्भावस्था योग के लिए प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक की सलाह लें।
  • पैदल चलना: नियमित रूप से 30 मिनट पैदल चलने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

3. तनाव को कम करें

गर्भावस्था के दौरान तनाव और चिंता से बचना महत्वपूर्ण है, क्योंकि तनाव से रक्तचाप बढ़ सकता है। कुछ प्राकृतिक तरीके जैसे ध्यान (मेडिटेशन), डीप ब्रीदिंग, और मन को शांत रखने वाली तकनीकों का अभ्यास करने से तनाव को कम किया जा सकता है।

  • ध्यान और ध्यान केंद्रित करना: रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान आपको मानसिक शांति प्रदान कर सकता है और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम कर सकता है।
  • मालिश और आराम: गर्भवती महिलाओं के लिए हल्की मसाज आराम प्रदान करती है और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

4. पर्याप्त नींद लें

पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लेना भी गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गर्भावस्था में शरीर को अधिक आराम और नींद की आवश्यकता होती है, ताकि शरीर ठीक से काम कर सके और तनाव के स्तर को नियंत्रित किया जा सके।

  • नींद की सही स्थिति: बाईं करवट सोने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है और गर्भाशय पर दबाव कम होता है।
  • रिलैक्सिंग एक्टिविटीज: सोने से पहले रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनना या हल्की स्ट्रेचिंग करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

5. पानी का भरपूर सेवन करें

गर्भावस्था के दौरान हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर के सभी अंग सही ढंग से काम करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।

6. कैफीन और अल्कोहल से परहेज

गर्भावस्था के दौरान कैफीन और अल्कोहल का सेवन न केवल आपके रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह गर्भस्थ शिशु के विकास को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इनका सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।

7. विटामिन डी का सेवन बढ़ाएं

विटामिन डी की कमी गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप का एक कारण हो सकती है। इसलिए धूप में समय बिताना और विटामिन डी सप्लीमेंट्स का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, मशरूम और दूध का सेवन भी बढ़ाएं।

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का खतरा किन्हें अधिक होता है?

कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक होता है। इनमें वे महिलाएं शामिल होती हैं:

  • जिन्हें पहले से उच्च रक्तचाप की समस्या हो।
  • जो पहली बार माँ बनने जा रही हों।
  • जिनकी उम्र 35 साल से अधिक हो।
  • जो जुड़वां या ट्रिपल शिशुओं की माँ बनने वाली हों।
  • जिनका वजन अत्यधिक हो।
  • जिनके परिवार में उच्च रक्तचाप या प्री-एक्लेम्प्सिया का इतिहास हो।
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

भारतीय परंपरा में आयुर्वेद का विशेष स्थान है, और यह गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकता है। आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियाँ और प्राकृतिक तत्व हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

1. तुलसी और नीम

तुलसी और नीम का नियमित सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। ये जड़ी-बूटियाँ शरीर को शुद्ध करती हैं और तनाव को कम करती हैं, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

2. आंवला और शहद

आंवला विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, और शहद के साथ इसका सेवन करने से रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

FAQs

Q.1 – गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के क्या लक्षण होते हैं?
सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, चेहरे और हाथों की सूजन उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण होते हैं।

Q.2 – गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप से कैसे बचा जा सकता है?
संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद उच्च रक्तचाप से बचने में मदद करते हैं।

Q.3 – क्या गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप बच्चे को प्रभावित कर सकता है?
हां, यह बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है और समय से पहले जन्म का कारण बन सकता है।

Q.4 – क्या योग गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है?
हां, गर्भावस्था योग और प्राणायाम रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

Q.5 – क्या गर्भवती महिलाओं को कैफीन का सेवन करना चाहिए?
नहीं, गर्भावस्था के दौरान कैफीन का सेवन कम करना या बंद करना चाहिए, क्योंकि यह रक्तचाप बढ़ा सकता है।

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