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क्या नाइट शिफ्ट बढ़ा सकती है डायबिटीज का खतरा?

Hindi
3 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
May 31, 2025

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे अक्सर चिंता का विषय बनते हैं। इनमें से एक प्रमुख मुद्दा है डायबिटीज का खतरा। विभिन्न शोध और अध्ययनों ने यह स्पष्ट किया है कि अनियमित नींद, अस्वस्थ जीवनशैली, और जैविक घड़ी के असंतुलन से डायबिटीज का जोखिम बढ़ सकता है।

नाइट शिफ्ट और डायबिटीज के बीच का कनेक्शन

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों के लिए उनकी जैविक घड़ी (सर्केडियन रिद्म) का बिगड़ना आम बात है। यह जैविक घड़ी हमारे शरीर की नींद और जागने की प्राकृतिक प्रक्रिया को नियंत्रित करती है। जब यह घड़ी बाधित होती है, तो इसका असर इंसुलिन की संवेदनशीलता, ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म और हार्मोनल बैलेंस पर पड़ता है, जो अंततः डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

शारीरिक तंत्र पर प्रभाव

  • इंसुलिन रेजिस्टेंस: नाइट शिफ्ट के कारण शरीर में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता कम हो सकती है।
  • ग्लूकोज असहिष्णुता: शरीर में ग्लूकोज का उपयोग सही तरीके से नहीं हो पाता।
  • हार्मोनल असंतुलन: मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का असंतुलन डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।

डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने वाले अन्य कारक

खानपान की आदतें

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग अक्सर अनियमित समय पर खाना खाते हैं। जंक फूड, कैफीन, और शुगर युक्त पेय पदार्थों का सेवन ज्यादा होता है, जो वजन बढ़ाने और डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाने में योगदान देता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी

थकावट और समय की कमी के कारण नियमित व्यायाम करना मुश्किल हो जाता है। यह गतिहीन जीवनशैली डायबिटीज के खतरे को और बढ़ा देती है।

नींद की गुणवत्ता पर असर

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोग अक्सर कम या खराब गुणवत्ता की नींद लेते हैं। यह नींद की कमी या “स्लीप डेफिसिट” तनाव बढ़ाता है और डायबिटीज के विकास में योगदान कर सकता है।

नाइट शिफ्ट और डायबिटीज के बीच शोध के परिणाम

विभिन्न अध्ययनों ने यह दिखाया है कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक होता है। एक प्रमुख अध्ययन में पाया गया कि नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में डायबिटीज का जोखिम लगभग 20-30% तक बढ़ सकता है।

महिलाओं पर प्रभाव

महिलाओं में नाइट शिफ्ट के प्रभाव अधिक गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि हार्मोनल बदलाव और नींद की कमी उनके स्वास्थ्य को अधिक प्रभावित कर सकती है।

पुरुषों पर प्रभाव

पुरुषों में वजन बढ़ना, तनाव, और अनियमित भोजन की आदतें डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

रोकथाम के उपाय: नाइट शिफ्ट में काम करते हुए स्वस्थ कैसे रहें?

स्वस्थ आहार अपनाएं

  • संतुलित आहार: प्रोटीन, फाइबर, और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  • शुगर और कैफीन से बचें: इनका अधिक सेवन रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकता है।
  • समय पर खाना: भोजन का समय नियमित रखें, भले ही शिफ्ट अलग-अलग हो।

व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें

  • काम के बीच में छोटे-छोटे व्यायाम करें।
  • कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का संतुलन बनाए रखें।
  • योग और ध्यान से तनाव को कम करें।

नींद की गुणवत्ता सुधारें

  • डार्क और शांत वातावरण: सोने के लिए एक अंधेरा और शांत जगह चुनें।
  • नींद का समय निर्धारित करें: प्रतिदिन एक निश्चित समय पर सोने का प्रयास करें।
  • मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स: डॉक्टर की सलाह पर इनका उपयोग करें।

तनाव प्रबंधन

  • ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक शांति प्राप्त करें।
  • हफ्ते में एक बार रिलैक्स करने के लिए समय निकालें।
  • अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।

नाइट शिफ्ट के स्वास्थ्य पर लंबे समय का प्रभाव

नाइट शिफ्ट में काम करने से न केवल डायबिटीज बल्कि हृदय रोग, मोटापा, और अवसाद का भी खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, लंबे समय तक नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को अपनी स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से करानी चाहिए।

स्वास्थ्य जांच क्यों जरूरी है?

  • ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच।
  • कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग।
  • शरीर के वजन और बीएमआई पर नज़र रखना।
डायबिटीज के साथ कामकाजी जीवन का प्रबंधन

यदि आप पहले से डायबिटीज से पीड़ित हैं और नाइट शिफ्ट में काम कर रहे हैं, तो निम्नलिखित टिप्स मददगार हो सकते हैं:

  • ब्लड शुगर मॉनिटरिंग: शिफ्ट के दौरान अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करें।
  • मेडिसिन का समय निर्धारित करें: डॉक्टर से सलाह लेकर दवाओं का सही समय तय करें।
  • डायट प्लान: डायटीशियन की मदद से अपने लिए एक कस्टम डायट प्लान बनाएं।
FAQs

Q.1 – क्या नाइट शिफ्ट में काम करने से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है?
हाँ, नाइट शिफ्ट जैविक घड़ी को बाधित करती है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ सकता है।

Q.2 – नाइट शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को कौन से आहार लेने चाहिए?
प्रोटीन, फाइबर, और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, और नट्स का सेवन फायदेमंद होता है।

Q.3 – नाइट शिफ्ट के दौरान नींद की गुणवत्ता कैसे सुधारें?
अंधेरा और शांत वातावरण बनाएं, नियमित नींद का समय तय करें, और मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।

Q.4 – क्या नियमित व्यायाम डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है?
जी हाँ, व्यायाम ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है और इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाता है।

Q.5 – नाइट शिफ्ट के दौरान तनाव को कैसे प्रबंधित करें?
योग, ध्यान, और नियमित ब्रेक लेना तनाव को प्रबंधित करने में सहायक हो सकता है।

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