PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भधारण एक सोच-समझकर उठाया गया कदम होता है। इस स्थिति में हार्मोनल असंतुलन, ओवुलेशन की अनियमितता और इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी समस्याएं आम होती हैं। इसी वजह से गर्भधारण के दौरान या उससे पहले डायबिटीज़ (विशेषकर टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज़) का खतरा भी काफी बढ़ जाता है।
पर चिंता की ज़रूरत नहीं। यदि आप गर्भधारण की योजना बना रही हैं और पहले से ही PCOS से जूझ रही हैं, तो सही जानकारी, समय पर परीक्षण और जीवनशैली में बदलाव से डायबिटीज़ को रोका और मैनेज किया जा सकता है।
1. PCOS और डायबिटीज़: आपस का संबंध क्या है?
PCOS एक मेटाबॉलिक और हार्मोनल डिसऑर्डर है जिसमें शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस अधिक हो जाता है। यह स्थिति समय के साथ टाइप 2 डायबिटीज़ के जोखिम को 4 से 8 गुना तक बढ़ा सकती है।
मुख्य कारण:
-
शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं
-
हाई इंसुलिन स्तर अंडाशयों को और अधिक एंड्रोजन (मेल हार्मोन) बनाने के लिए प्रेरित करता है
-
इससे मासिक धर्म अनियमित होता है और गर्भधारण मुश्किल हो जाता है
2. प्रेग्नेंसी की योजना बनाते समय क्यों जरूरी है डायबिटीज़ की रोकथाम?
-
डायबिटीज़ से भ्रूण में जन्मजात विकृति का खतरा बढ़ता है
-
प्री-मैच्योर डिलीवरी और गर्भपात का जोखिम
-
माँ में हाई ब्लड प्रेशर, प्रीक्लेम्पसिया
-
नवजात में हाई वज़न या ब्लड शुगर की समस्या
इसलिए यदि आप PCOS से पीड़ित हैं, तो गर्भधारण से पहले ही ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में लाना अत्यंत आवश्यक है।
3. कैसे पहचानें डायबिटीज़ का खतरा?
नीचे दिए गए लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए:
| लक्षण | संकेत |
|---|---|
| वजन तेजी से बढ़ना | खासकर पेट के आसपास |
| बार-बार थकान | बिना मेहनत के |
| त्वचा पर डार्क पैच | गर्दन, बगल या जांघों पर |
| बार-बार प्यास लगना और पेशाब आना | |
| खाने के बाद नींद आना या चक्कर | |
| मेंस्ट्रुअल साइकल का अनियमित होना |
अगर ये लक्षण नजर आएं तो तुरंत ब्लड शुगर की जांच करवाएं।
4. डायबिटीज़ को रोकने के लिए क्या करें?
A. वज़न को नियंत्रित करें
5-10% वजन घटाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार होता है।
कैसे करें?
-
रोज़ाना 30 मिनट वॉक
-
हेल्दी डाइट
-
स्ट्रेस कम करना
B. हेल्दी और संतुलित डाइट अपनाएं
-
हाई फाइबर फूड्स: सब्जियां, दालें, साबुत अनाज
-
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स
-
मीठे, मैदे, प्रोसेस्ड फूड्स से परहेज़
-
नियमित समय पर भोजन लेना
C. रेगुलर ब्लड शुगर और HbA1c टेस्ट करवाएं
गर्भधारण की योजना से पहले और बाद में भी हर 3 महीने में टेस्ट जरूरी है।
D. सप्लीमेंट और मेडिकेशन
कई बार डॉक्टर Metformin जैसी दवाएं देते हैं जो PCOS और इंसुलिन रेजिस्टेंस दोनों में मदद करती हैं।
5. प्रेग्नेंसी प्लानिंग से पहले की जांचें (Preconception Screening)
| जांच | क्यों जरूरी |
|---|---|
| OGTT (Oral Glucose Tolerance Test) | डायबिटीज़ का रिस्क पता करने के लिए |
| HbA1c | पिछले 3 महीनों की शुगर का औसत |
| लिपिड प्रोफाइल | कोलेस्ट्रॉल असंतुलन का पता |
| थायरॉयड | क्योंकि PCOS में TSH का प्रभाव गर्भधारण पर होता है |
| विटामिन D, B12 | शुगर कंट्रोल और ओवुलेशन में अहम भूमिका |
6. डायबिटीज़ से बचाव के लिए 5 स्मार्ट आदतें
-
हर 2-3 घंटे में कुछ हेल्दी खाएं – लंबे उपवास से ब्लड शुगर असंतुलन होता है
-
रात 8 बजे तक खाना खा लें
-
7–8 घंटे की अच्छी नींद लें
-
कैफीन और चीनी से परहेज़ करें
-
हफ्ते में 5 दिन योग या हल्का कार्डियो करें
7. जेस्टेशनल डायबिटीज़ से कैसे बचें?
PCOS महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान Gestational Diabetes Mellitus (GDM) का खतरा भी अधिक होता है।
रोकथाम के उपाय:
-
पहले से ही वजन नियंत्रित करें
-
गर्भावस्था के पहले 12 हफ्तों में OGTT कराएं
-
अधिक फाइबर और प्रोटीन आधारित भोजन लें
-
डॉक्टर के निर्देशानुसार समय-समय पर शुगर लेवल मॉनिटर करें
8. मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
PCOS और गर्भधारण की चिंता, साथ ही डायबिटीज़ की आशंका महिलाओं को मानसिक रूप से प्रभावित कर सकती है।
👉 स्ट्रेस से कॉर्टिसोल और इंसुलिन दोनों बिगड़ते हैं
👉 ध्यान (Meditation), Journaling और आरामदायक नींद ज़रूरी है
9. आयुर्वेद और प्राकृतिक उपाय
कुछ प्राकृतिक सपोर्ट उपाय, जो डॉक्टर की अनुमति से लिए जा सकते हैं:
| उपाय | लाभ |
|---|---|
| मेथी दाना पानी | इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है |
| करेला जूस | शुगर लेवल को कम करने में मददगार |
| अलसी का चूर्ण | ओमेगा-3 और फाइबर |
अगर आप PCOS से पीड़ित हैं और गर्भधारण की सोच रही हैं, तो डायबिटीज़ को लेकर सतर्क रहना बेहद आवश्यक है। सही समय पर जांच, संतुलित जीवनशैली, पौष्टिक आहार और डॉक्टर की देखरेख में आप ना केवल गर्भधारण कर सकती हैं, बल्कि एक स्वस्थ और सुरक्षित प्रेग्नेंसी भी पूरी कर सकती हैं।
FAQs
1. क्या PCOS के कारण डायबिटीज़ होना तय है?
नहीं, लेकिन जोखिम ज़रूर अधिक होता है। सही जीवनशैली अपनाने से इसे टाला जा सकता है।
2. क्या गर्भधारण से पहले ब्लड शुगर टेस्ट करवाना जरूरी है?
हाँ, ताकि डायबिटीज़ की पहचान समय पर हो सके और आप प्रेग्नेंसी के लिए सुरक्षित रहें।
3. क्या Metformin दवा डायबिटीज़ और PCOS दोनों में काम आती है?
हाँ, यह इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करती है, लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही लें।
4. क्या सिर्फ वजन घटाने से डायबिटीज़ रोकी जा सकती है?
बहुत हद तक हाँ। केवल 5-10% वजन घटाने से भी ब्लड शुगर में सुधार आता है।
5. क्या गर्भधारण के बाद भी डायबिटीज़ का खतरा रहता है?
हाँ, खासकर जेस्टेशनल डायबिटीज़ का। इसलिए पूरे गर्भकाल में ब्लड शुगर मॉनिटरिंग जरूरी है।