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शुगर डायबिटीज के लक्षण: पहचान और प्रबंधन

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 31, 2025
symptoms-of-sugar-diabetes-in-hindi

मधुमेह, जिसे सामान्य भाषा में शुगर डायबिटीज के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता या कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति सही प्रतिक्रिया नहीं देतीं। मधुमेह के लक्षणों को पहचानना और समय पर उनका प्रबंधन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक दीर्घकालिक स्थिति है और इसके दुष्प्रभाव गंभीर हो सकते हैं।

मधुमेह के प्रमुख लक्षण

अत्यधिक प्यास लगना (पॉलीडिप्सिया)

मधुमेह का सबसे प्रमुख लक्षण है अत्यधिक प्यास लगना। यह इसलिए होता है क्योंकि उच्च रक्त शर्करा स्तर के कारण गुर्दे अतिरिक्त शर्करा को बाहर निकालने के लिए अधिक पानी खींचते हैं, जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और प्यास बढ़ जाती है।

बार-बार पेशाब आना (पॉलीयूरिया)

बार-बार पेशाब आना भी मधुमेह का एक महत्वपूर्ण संकेत है। उच्च रक्त शर्करा स्तर के कारण गुर्दे अतिरिक्त शर्करा को बाहर निकालने की कोशिश करते हैं, जिससे पेशाब की मात्रा बढ़ जाती है।

अत्यधिक भूख लगना (पॉलीफेजिया)

अत्यधिक भूख लगना भी मधुमेह का एक सामान्य लक्षण है। जब शरीर में इंसुलिन की कमी होती है, तो कोशिकाएं ऊर्जा के लिए पर्याप्त ग्लूकोज प्राप्त नहीं कर पातीं, जिससे भूख बढ़ जाती है।

वजन घटना

अत्यधिक भूख के बावजूद वजन का घटना मधुमेह का एक प्रमुख संकेत हो सकता है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर ऊर्जा के लिए वसा और मांसपेशियों को तोड़ता है, जिससे वजन घटता है।

थकान और कमजोरी

थकान और कमजोरी महसूस करना मधुमेह का एक आम लक्षण है। यह इसलिए होता है क्योंकि शरीर ग्लूकोज को ऊर्जा में परिवर्तित नहीं कर पाता, जिससे ऊर्जा की कमी हो जाती है।

धुंधला दृष्टि

धुंधला दृष्टि मधुमेह का एक और लक्षण है। उच्च रक्त शर्करा स्तर के कारण आंखों के लेंस में सूजन हो सकती है, जिससे दृष्टि धुंधली हो जाती है।

चोट या घाव का देर से ठीक होना

यदि आपके चोट या घाव ठीक होने में अधिक समय लेते हैं, तो यह मधुमेह का संकेत हो सकता है। उच्च रक्त शर्करा स्तर रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है और संक्रमण के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा को कमजोर कर सकता है।

त्वचा में परिवर्तन

त्वचा में खुजली, सूखापन, और त्वचा पर काले धब्बे भी मधुमेह के संकेत हो सकते हैं। ये समस्याएं आमतौर पर गर्दन और बगल के क्षेत्रों में अधिक होती हैं।

मूत्र पथ संक्रमण

बार-बार मूत्र पथ संक्रमण (UTI) होना भी मधुमेह का एक संकेत हो सकता है। उच्च रक्त शर्करा स्तर बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

मसूड़ों में संक्रमण और मसूड़ों से खून आना

मधुमेह के कारण मसूड़ों में संक्रमण और मसूड़ों से खून आना आम समस्याएं हो सकती हैं। उच्च रक्त शर्करा स्तर मसूड़ों को कमजोर कर सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।

मधुमेह का निदान

मधुमेह के लक्षणों को पहचानने के बाद, सही निदान करना आवश्यक है। निम्नलिखित परीक्षण मधुमेह के निदान के लिए किए जाते हैं:

उपवास प्लाज्मा ग्लूकोज परीक्षण

इस परीक्षण में व्यक्ति को 8 घंटे तक उपवास करना होता है और फिर रक्त में शर्करा का स्तर मापा जाता है। यदि उपवास के बाद रक्त शर्करा का स्तर 126 mg/dL या उससे अधिक होता है, तो इसे मधुमेह के रूप में निदान किया जा सकता है।

ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन (A1C) परीक्षण

A1C परीक्षण पिछले 2-3 महीनों के औसत रक्त शर्करा स्तर को मापता है। यदि A1C स्तर 6.5% या उससे अधिक होता है, तो यह मधुमेह का संकेत हो सकता है।

मौखिक ग्लूकोज सहिष्णुता परीक्षण (OGTT)

इस परीक्षण में व्यक्ति को एक मीठा घोल पीने के बाद रक्त शर्करा का स्तर मापा जाता है। 2 घंटे बाद रक्त शर्करा का स्तर 200 mg/dL या उससे अधिक होने पर मधुमेह का निदान किया जा सकता है।

मधुमेह का प्रबंधन

मधुमेह का प्रबंधन महत्वपूर्ण है ताकि इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सके और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके। निम्नलिखित उपाय मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं:

स्वस्थ आहार

मधुमेह के प्रबंधन में स्वस्थ आहार का महत्वपूर्ण योगदान होता है। कार्बोहाइड्रेट, वसा, और प्रोटीन के संतुलित सेवन के साथ-साथ फल, सब्जियों, और साबुत अनाज को आहार में शामिल करना आवश्यक है। मीठे पदार्थों और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।

नियमित व्यायाम

नियमित व्यायाम रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट का मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम, जैसे चलना, साइकिल चलाना, या तैराकी करना, मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

नियमित रक्त शर्करा निगरानी

नियमित रक्त शर्करा की निगरानी मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण है। इससे व्यक्ति अपने रक्त शर्करा स्तर को जान सकता है और आवश्यकतानुसार दवाओं या जीवनशैली में परिवर्तन कर सकता है।

दवाएं और इंसुलिन थेरेपी

कुछ लोगों के लिए, दवाएं या इंसुलिन थेरेपी आवश्यक हो सकती हैं। डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का नियमित सेवन और इंसुलिन के इंजेक्शन मधुमेह के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं।

तनाव प्रबंधन

तनाव का उच्च स्तर रक्त शर्करा को प्रभावित कर सकता है। योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकें तनाव को कम करने में सहायक हो सकती हैं।

मधुमेह से जुड़े जोखिम और जटिलताएं

मधुमेह के दीर्घकालिक प्रभाव गंभीर हो सकते हैं और शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। निम्नलिखित जटिलताएं मधुमेह से जुड़ी हो सकती हैं:

हृदय रोग

मधुमेह हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा सकता है। उच्च रक्त शर्करा स्तर धमनियों को सख्त और संकरा बना सकता है, जिससे हृदयाघात और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

न्यूरोपैथी

मधुमेह न्यूरोपैथी, या नसों की क्षति, का कारण बन सकता है। यह विशेष रूप से पैरों में दर्द, सुन्नता, और झनझनाहट का कारण बन सकता है।

नेफ्रोपैथी

मधुमेह नेफ्रोपैथी, या गुर्दे की क्षति, का भी कारण बन सकता है। लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा स्तर गुर्दे की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे गुर्दे फेलियर का जोखिम बढ़ जाता है।

रेटिनोपैथी

मधुमेह रेटिनोपैथी, या आंखों की रेटिना की क्षति, का कारण बन सकता है। इससे दृष्टि कमजोर हो सकती है और अंधेपन का जोखिम बढ़ सकता है।

फुट अल्सर

मधुमेह के कारण पैरों में रक्त प्रवाह की कमी और न्यूरोपैथी के कारण चोट या संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इससे फुट अल्सर हो सकते हैं, जो गंभीर संक्रमण और अम्पुटेशन का कारण बन सकते हैं।

मधुमेह से बचाव के उपाय

मधुमेह से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

स्वस्थ जीवनशैली अपनाना

स्वस्थ जीवनशैली, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ वजन बनाए रखना शामिल है, मधुमेह से बचाव में सहायक हो सकती है।

नियमित स्वास्थ्य जांच

नियमित स्वास्थ्य जांच और रक्त शर्करा स्तर की निगरानी मधुमेह के जोखिम को पहचानने और समय पर उपाय करने में सहायक हो सकती है।

शराब और तम्बाकू से बचाव

शराब और तम्बाकू का सेवन मधुमेह के जोखिम को बढ़ा सकता है। इनसे बचना मधुमेह से बचाव में सहायक हो सकता है।

पर्याप्त नींद

पर्याप्त नींद लेना भी मधुमेह से बचाव में सहायक हो सकता है। नींद की कमी रक्त शर्करा स्तर को प्रभावित कर सकती है और मधुमेह का जोखिम बढ़ा सकती है।

मधुमेह एक गंभीर स्थिति है जिसे समय पर पहचानना और सही तरीके से प्रबंधन करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लक्षणों को पहचानकर और उचित उपाय अपनाकर इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित स्वास्थ्य जांच कराना, और सही समय पर चिकित्सकीय परामर्श लेना मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और मधुमेह के लक्षणों को अनदेखा न करें।

FAQs

Q.1 – मधुमेह के लक्षण क्या हैं? 

मधुमेह के लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, अत्यधिक भूख लगना, वजन घटना, थकान और कमजोरी, धुंधला दृष्टि, चोट या घाव का देर से ठीक होना, त्वचा में परिवर्तन, और मूत्र पथ संक्रमण शामिल हैं।

Q.2 – मधुमेह का निदान कैसे किया जाता है? 

मधुमेह का निदान उपवास प्लाज्मा ग्लूकोज परीक्षण, ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन (A1C) परीक्षण, और मौखिक ग्लूकोज सहिष्णुता परीक्षण (OGTT) के माध्यम से किया जाता है।

Q.3 – मधुमेह का प्रबंधन कैसे किया जा सकता है? 

मधुमेह का प्रबंधन स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, नियमित रक्त शर्करा निगरानी, दवाएं और इंसुलिन थेरेपी, और तनाव प्रबंधन के माध्यम से किया जा सकता है।

Q.4 – मधुमेह से जुड़े जोखिम क्या हैं? 

मधुमेह से जुड़े जोखिमों में हृदय रोग, न्यूरोपैथी, नेफ्रोपैथी, रेटिनोपैथी, और फुट अल्सर शामिल हैं।

Q.5 – मधुमेह से बचाव के उपाय क्या हैं? 

मधुमेह से बचाव के उपायों में स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित स्वास्थ्य जांच, शराब और तम्बाकू से बचाव, और पर्याप्त नींद शामिल हैं।

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