आज के समय में थायरॉइड की समस्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। महिलाएं, पुरुष, बुज़ुर्ग और यहां तक कि युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। समस्या यह है कि अधिकतर लोग थायरॉइड के शुरुआती लक्षणों को सामान्य थकान या तनाव समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही कारण है कि सही समय पर जांच न होने से समस्या गंभीर रूप ले लेती है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि थायरॉइड की जांच कब करानी चाहिए, इसके लक्षण क्या हैं, कौन-कौन लोग जोखिम में होते हैं, जांच की प्रक्रिया क्या है और समय पर जांच क्यों जरूरी है।
थायरॉइड क्या है?
थायरॉइड एक छोटी तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जो हमारी गर्दन के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि थायरॉइड हार्मोन बनाती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज़्म यानी ऊर्जा उपयोग, वजन, दिल की धड़कन, शरीर के तापमान और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है।
जब यह ग्रंथि ज्यादा या कम हार्मोन बनाने लगती है, तो थायरॉइड की समस्या पैदा होती है।
थायरॉइड के प्रकार
1. हाइपोथायरॉइडिज़्म (थायरॉइड कम होना)
जब थायरॉइड ग्रंथि जरूरत से कम हार्मोन बनाती है।
2. हाइपरथायरॉइडिज़्म (थायरॉइड ज्यादा होना)
जब थायरॉइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाती है।
3. ग्वाइटर और थायरॉइड नोड्यूल
गर्दन में सूजन या गांठ का बनना।
थायरॉइड की जांच कब करानी चाहिए?
1. जब लगातार थकान महसूस हो
अगर बिना ज्यादा काम किए भी हमेशा थकान रहती है, सुस्ती बनी रहती है या नींद के बाद भी ताजगी महसूस नहीं होती, तो थायरॉइड की जांच करानी चाहिए।
2. अचानक वजन बढ़ना या घटना
बिना डाइट बदले वजन बढ़ना हाइपोथायरॉइड का संकेत हो सकता है, जबकि बिना वजह वजन कम होना हाइपरथायरॉइड का लक्षण हो सकता है।
3. बाल झड़ना और त्वचा का रूखा होना
अत्यधिक बाल झड़ना, भौंहों का पतला होना, त्वचा का सूखा और बेजान होना थायरॉइड असंतुलन की ओर इशारा करता है।
4. दिल की धड़कन में बदलाव
तेज धड़कन, घबराहट या कभी-कभी बहुत धीमी हार्टबीट भी थायरॉइड की समस्या से जुड़ी हो सकती है।
5. महिलाओं में पीरियड्स की समस्या
अनियमित मासिक धर्म, ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग, गर्भधारण में परेशानी — ये सभी थायरॉइड से जुड़े संकेत हो सकते हैं।
6. मूड स्विंग और मानसिक परेशानी
डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी — ये लक्षण सिर्फ मानसिक नहीं बल्कि हार्मोनल कारणों से भी हो सकते हैं।
7. गर्दन में सूजन या गांठ दिखे
अगर गर्दन के सामने हिस्से में सूजन या गांठ महसूस हो, तो तुरंत थायरॉइड जांच करानी चाहिए।
किन लोगों को नियमित थायरॉइड जांच करानी चाहिए?
- 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं
- गर्भवती महिलाएं या गर्भधारण की योजना बना रही महिलाएं
- जिनके परिवार में थायरॉइड की हिस्ट्री हो
- डायबिटीज या ऑटोइम्यून बीमारी वाले लोग
- लंबे समय से तनाव में रहने वाले लोग
- आयोडीन की कमी वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग
थायरॉइड जांच कैसे होती है?
1. TSH टेस्ट
यह सबसे सामान्य और पहला टेस्ट होता है। यह बताता है कि थायरॉइड सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं।
2. T3 और T4 टेस्ट
ये हार्मोन के स्तर को मापते हैं और समस्या की गंभीरता बताते हैं।
3. थायरॉइड प्रोफाइल
इसमें TSH, T3 और T4 तीनों की जांच होती है।
4. अल्ट्रासाउंड या अन्य जांच
अगर गांठ या सूजन हो, तो डॉक्टर अतिरिक्त जांच की सलाह दे सकते हैं।
थायरॉइड जांच कितने समय में करानी चाहिए?
- सामान्य व्यक्ति: साल में एक बार
- थायरॉइड मरीज: डॉक्टर की सलाह अनुसार 3–6 महीने में
- गर्भावस्था में: हर ट्राइमेस्टर में
- दवा चल रही हो: नियमित फॉलो-अप जरूरी
समय पर थायरॉइड जांच क्यों जरूरी है?
- बीमारी को शुरुआती स्टेज में पकड़ा जा सकता है
- दवा से आसानी से कंट्रोल हो जाता है
- वजन, हार्मोन और मानसिक स्वास्थ्य संतुलित रहता है
- गर्भावस्था में जटिलताओं से बचाव होता है
- हार्ट और मेटाबॉलिक समस्याओं का खतरा कम होता है
थायरॉइड से बचाव के लिए क्या करें?
- संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें
- आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग करें
- नियमित व्यायाम और योग करें
- तनाव कम करें और पर्याप्त नींद लें
- बिना सलाह दवा न लें
- समय-समय पर जांच कराएं
थायरॉइड से जुड़े आम मिथक
मिथक: थायरॉइड सिर्फ महिलाओं को होता है
सच: पुरुष और बच्चे भी इससे प्रभावित हो सकते हैं
मिथक: थायरॉइड हमेशा लाइलाज होता है
सच: सही दवा और जीवनशैली से पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है
थायरॉइड की समस्या आज एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है। सही समय पर पहचान और जांच से न सिर्फ इसे कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि गंभीर जटिलताओं से भी बचा जा सकता है। अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों में से किसी को भी महसूस कर रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज़ न करें।
जागरूकता, समय पर थायरॉइड की जांच और स्वस्थ जीवनशैली ही इस समस्या से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
स्वस्थ रहें, सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
FAQs
1. थायरॉइड की जांच खाली पेट करनी चाहिए?
आमतौर पर TSH टेस्ट के लिए खाली पेट जरूरी नहीं होता, लेकिन डॉक्टर की सलाह मानना बेहतर होता है।
2. क्या थायरॉइड की दवा जीवनभर चलती है?
कुछ मामलों में हां, लेकिन कई बार स्थिति सुधरने पर दवा कम या बंद भी हो सकती है।
3. क्या थायरॉइड से वजन हमेशा बढ़ता है?
नहीं, हाइपोथायरॉइड में वजन बढ़ता है और हाइपरथायरॉइड में वजन घट सकता है।
4. क्या थायरॉइड से गर्भधारण में दिक्कत आती है?
हां, असंतुलित थायरॉइड गर्भधारण और प्रेग्नेंसी दोनों को प्रभावित कर सकता है।
5. क्या योग से थायरॉइड ठीक हो सकता है?
योग सहायक होता है, लेकिन दवा का विकल्प नहीं है।