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कोरोनरी हृदय रोग: कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम

Hindi
5 min read
Naimish Mishra
Written by
Naimish Mishra
Posted on
December 10, 2025
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कोरोनरी हृदय रोग (CHD) या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह स्थिति तब होती है जब दिल की धमनियों में प्लाक का जमाव हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।

कोरोनरी हृदय रोग क्या है? 

कोरोनरी हृदय रोग एक प्रकार की हृदय रोग है जिसमें दिल की धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है। यह प्लाक मुख्यतः कोलेस्ट्रॉल, वसा, कैल्शियम और अन्य पदार्थों से बना होता है। जब यह प्लाक धमनियों में जमा हो जाता है, तो धमनियां संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।

कोरोनरी हृदय रोग के प्रकार 

कोरोनरी हृदय रोग के कई प्रकार होते हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

स्थिर एंजाइना 

स्थिर एंजाइना तब होती है जब दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। यह आमतौर पर शारीरिक श्रम या तनाव के दौरान होता है और आराम करने पर ठीक हो जाता है।

अस्थिर एंजाइना 

अस्थिर एंजाइना एक गंभीर स्थिति है और यह किसी भी समय हो सकती है। इसमें दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और यह स्थिति दिल के दौरे का संकेत हो सकती है।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन (दिल का दौरा) 

जब दिल की धमनियों में प्लाक फट जाता है और रक्त के थक्के बन जाते हैं, तो दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इसे दिल का दौरा कहते हैं।

कोरोनरी हृदय रोग के कारण 

कोरोनरी हृदय रोग के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

उच्च रक्तचाप 

उच्च रक्तचाप दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और प्लाक जमने का खतरा बढ़ा सकता है।

उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर 

उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर प्लाक के निर्माण में योगदान कर सकता है और धमनियों को संकरा कर सकता है।

धूम्रपान 

धूम्रपान धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और प्लाक जमा होने का खतरा बढ़ा सकता है।

मधुमेह 

मधुमेह दिल की धमनियों में प्लाक जमा होने का खतरा बढ़ा सकता है।

अस्वास्थ्यकर आहार 

अधिक वसा और कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार प्लाक जमा होने का खतरा बढ़ा सकता है।

शारीरिक निष्क्रियता 

शारीरिक निष्क्रियता दिल की धमनियों में प्लाक जमा होने का खतरा बढ़ा सकती है।

कोरोनरी हृदय रोग के लक्षण 

कोरोनरी हृदय रोग के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर शामिल हैं:

सीने में दर्द या दबाव 

सीने में दर्द या दबाव, जिसे एंजाइना कहा जाता है, कोरोनरी हृदय रोग का प्रमुख लक्षण है। यह दर्द शारीरिक श्रम या तनाव के दौरान बढ़ सकता है और आराम करने पर ठीक हो सकता है।

सांस की कमी 

सांस की कमी कोरोनरी हृदय रोग का एक सामान्य लक्षण है। यह स्थिति तब होती है जब दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।

थकान 

अत्यधिक थकान कोरोनरी हृदय रोग का एक लक्षण हो सकता है, खासकर शारीरिक श्रम के दौरान।

उल्टी या चक्कर आना 

कुछ लोगों में उल्टी या चक्कर आना भी कोरोनरी हृदय रोग का लक्षण हो सकता है।

कोरोनरी हृदय रोग का निदान 

कोरोनरी हृदय रोग के निदान के लिए कई प्रकार के परीक्षण और जांच की जा सकती हैं:

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) 

ECG दिल की विद्युत गतिविधि को मापता है और दिल के धड़कन की अनियमितताओं का पता लगाने में मदद करता है।

एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट 

इस परीक्षण में मरीज को ट्रेडमिल पर चलाया जाता है और दिल की गतिविधि को मॉनिटर किया जाता है। इससे यह पता चलता है कि दिल की मांसपेशियां कैसे काम कर रही हैं।

एंजियोग्राम 

एंजियोग्राम एक प्रकार की एक्स-रे तकनीक है जिससे दिल की धमनियों की जांच की जाती है। इसमें एक डाई इंजेक्ट की जाती है और एक्स-रे से धमनियों की स्थिति देखी जाती है।

इकोकार्डियोग्राम

इकोकार्डियोग्राम एक अल्ट्रासाउंड तकनीक है जो दिल की मांसपेशियों और वाल्व्स की जांच करती है।

कोरोनरी हृदय रोग का उपचार 

कोरोनरी हृदय रोग के उपचार के लिए कई विकल्प होते हैं, जिनमें दवाइयां, जीवनशैली में परिवर्तन और सर्जरी शामिल हैं:

दवाइयां कोरोनरी हृदय रोग के उपचार के लिए कई प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं, जैसे कि एंटी-प्लेटलेट दवाइयां, कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयां, और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने वाली दवाइयां।

जीवनशैली में परिवर्तन 

जीवनशैली में परिवर्तन करना कोरोनरी हृदय रोग के प्रबंधन में महत्वपूर्ण है। इसमें धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ आहार अपनाना, नियमित व्यायाम करना, और वजन नियंत्रित करना शामिल है।

सर्जरी 

कोरोनरी हृदय रोग के गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इसमें कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी (CABG) और एंजियोप्लास्टी शामिल हैं।

कोरोनरी हृदय रोग की रोकथाम 

कोरोनरी हृदय रोग की रोकथाम के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:

स्वास्थ्यकर आहार 

स्वास्थ्यकर आहार अपनाना, जिसमें फल, सब्जियां, पूरे अनाज, और कम वसा वाले उत्पाद शामिल हों, कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।

नियमित व्यायाम 

नियमित व्यायाम करना दिल की धमनियों को स्वस्थ रखता है और प्लाक जमा होने के जोखिम को कम करता है।

धूम्रपान छोड़ना 

धूम्रपान छोड़ना दिल की धमनियों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वजन नियंत्रित रखना 

स्वस्थ वजन बनाए रखना कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है।

शारीरिक गतिविधि में वृद्धि 

शारीरिक गतिविधि में वृद्धि करने से दिल की धमनियों की सेहत में सुधार हो सकता है और कोरोनरी हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।

कोरोनरी हृदय रोग के उपचार में आधुनिक तकनीक 

आधुनिक चिकित्सा में कोरोनरी हृदय रोग के उपचार के लिए कई नई तकनीकें और उपकरण विकसित किए गए हैं:

स्टेंटिंग 

स्टेंटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें धमनियों में संकरे हिस्से को खोलने के लिए एक छोटा धातु का ट्यूब (स्टेंट) डाला जाता है। इससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल पाती है।

रोबोटिक सर्जरी 

रोबोटिक सर्जरी एक नई तकनीक है जिसमें सर्जन रोबोट का उपयोग करके जटिल सर्जरी करते हैं। इससे सर्जरी की सटीकता बढ़ती है और रिकवरी समय कम होता है।

जीन थेरेपी 

जीन थेरेपी एक उभरती हुई तकनीक है जिसमें जीनों को बदलकर या सुधारकर बीमारियों का इलाज किया जाता है। यह तकनीक कोरोनरी हृदय रोग के उपचार में भी इस्तेमाल की जा सकती है।

कोरोनरी हृदय रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान छोड़ने से कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, नियमित जांच और समय पर उपचार से इस रोग के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।

FAQs

Q.1 – कोरोनरी हृदय रोग क्या है? 

कोरोनरी हृदय रोग एक प्रकार की हृदय रोग है जिसमें दिल की धमनियों में प्लाक जमा हो जाता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।

Q.2 – कोरोनरी हृदय रोग के लक्षण क्या हैं? 

कोरोनरी हृदय रोग के लक्षणों में सीने में दर्द या दबाव, सांस की कमी, थकान, और कभी-कभी उल्टी या चक्कर आना शामिल हो सकते हैं।

Q.3 – कोरोनरी हृदय रोग के कारण क्या हैं? 

कोरोनरी हृदय रोग के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, धूम्रपान, मधुमेह, अस्वास्थ्यकर आहार, और शारीरिक निष्क्रियता शामिल हैं।

Q.4 – कोरोनरी हृदय रोग का निदान कैसे होता है? 

कोरोनरी हृदय रोग का निदान विभिन्न परीक्षणों और जांचों के माध्यम से किया जाता है, जैसे कि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG), एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट, एंजियोग्राम, और इकोकार्डियोग्राम।

Q.5 – कोरोनरी हृदय रोग का उपचार कैसे होता है? 

कोरोनरी हृदय रोग का उपचार दवाइयों, जीवनशैली में परिवर्तन और सर्जरी के माध्यम से किया जाता है। इसमें एंटी-प्लेटलेट दवाइयां, कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयां, और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने वाली दवाइयां शामिल हैं।

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