गले का कैंसर, जिसे ओरल कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है जो गले, मुँह, जीभ, और आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित करती है। हम गले के कैंसर के लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि समय पर पहचान और उपचार संभव हो सके।
गले के कैंसर के प्रकार
गले का कैंसर विभिन्न प्रकारों में आता है, और यह महत्वपूर्ण है कि हम उनके बारे में जानें। कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
ओरोफेरीन्जियल कैंसर: यह कैंसर मुँह के पीछे वाले हिस्से और गले के ऊपरी हिस्से को प्रभावित करता है।
हाइपोफेरीन्जियल कैंसर: यह कैंसर गले के निचले हिस्से में होता है।
लैरिंजियल कैंसर: यह कैंसर गले के आवाज पैदा करने वाले हिस्से को प्रभावित करता है।
गले के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य समस्याओं के समान हो सकते हैं, इसलिए उन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। कुछ सामान्य प्रारंभिक लक्षण निम्नलिखित हैं:
गले में खिचखिच: लगातार गले में खिचखिच रहना गले के कैंसर का संकेत हो सकता है। यह लक्षण सामान्य संक्रमण से अलग होता है क्योंकि यह लंबे समय तक बना रहता है।
आवाज में बदलाव: गले के कैंसर की स्थिति में आवाज में स्थायी बदलाव आ सकता है, जैसे आवाज भारी हो जाना या स्वर बदल जाना।
निगलने में कठिनाई: यदि आपको निगलने में कठिनाई हो रही है और यह समस्या लगातार बनी हुई है, तो यह गले के कैंसर का संकेत हो सकता है।
गले के कैंसर के उन्नत लक्षण
जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, इसके लक्षण और अधिक गंभीर हो सकते हैं। कुछ उन्नत लक्षण निम्नलिखित हैं:
गले में गांठ या सूजन: गले या गर्दन में किसी प्रकार की गांठ या सूजन गले के कैंसर का संकेत हो सकती है।
खून आना: मुँह या गले से खून आना एक गंभीर लक्षण हो सकता है और तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।
वजन कम होना: बिना किसी स्पष्ट कारण के तेजी से वजन कम होना भी गले के कैंसर का संकेत हो सकता है।
अन्य सामान्य लक्षण
गले के कैंसर के अन्य सामान्य लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
कान में दर्द: गले के कैंसर के कारण कान में दर्द हो सकता है, जो सामान्य कान की समस्या नहीं होती है।
सांस लेने में कठिनाई: गले के कैंसर के कारण श्वास लेने में कठिनाई हो सकती है।
थकान: सामान्य से अधिक थकान महसूस होना भी एक लक्षण हो सकता है।
गले के कैंसर के कारण
गले के कैंसर के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
धूम्रपान और शराब: धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब का सेवन गले के कैंसर के प्रमुख कारण हैं।
एचपीवी संक्रमण: मानव पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण भी गले के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में किसी को गले का कैंसर हुआ है, तो आपके लिए भी इसका जोखिम अधिक हो सकता है।
गले के कैंसर की जांच
गले के कैंसर की पहचान और जांच के लिए कई प्रक्रियाएँ उपलब्ध हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
शारीरिक जांच: डॉक्टर गले और गर्दन की शारीरिक जांच करके किसी भी असामान्यता की पहचान कर सकते हैं।
इमेजिंग टेस्ट: सीटी स्कैन, एमआरआई, और पीईटी स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट से कैंसर की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
बायोप्सी: बायोप्सी के माध्यम से गले के टिश्यू का नमूना लेकर उसकी जांच की जाती है।
गले के कैंसर का उपचार
गले के कैंसर का उपचार उसके प्रकार, स्थिति और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। कुछ प्रमुख उपचार विधियाँ निम्नलिखित हैं:
शल्य चिकित्सा: कैंसरग्रस्त टिश्यू को हटाने के लिए शल्य चिकित्सा की जाती है।
रेडियोथेरेपी: रेडियोथेरेपी के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।
कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाइयों का उपयोग किया जाता है।
गले के कैंसर की रोकथाम
गले के कैंसर की रोकथाम के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान से बचना गले के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।
शराब का सेवन कम करना: शराब का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
एचपीवी टीकाकरण: एचपीवी संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए।
नियमित चिकित्सा जांच: नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाकर जांच करवाना चाहिए।
गले का कैंसर एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसके लक्षणों को समय पर पहचानकर और उचित उपचार प्राप्त करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित चिकित्सा जांच करवाना गले के कैंसर से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय हैं। अगर आपको गले के कैंसर के किसी भी लक्षण का संदेह हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक जांच करवाएं।
FAQs
Q.1 – गले के कैंसर के मुख्य लक्षण क्या हैं?
गले के कैंसर के मुख्य लक्षणों में गले में खिचखिच, आवाज में बदलाव, निगलने में कठिनाई, गले में गांठ या सूजन, और खून आना शामिल हैं।
Q.2 – क्या गले का कैंसर धूम्रपान से संबंधित है?
हाँ, धूम्रपान गले के कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है। धूम्रपान करने वाले लोगों में गले के कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
Q.3 – क्या एचपीवी संक्रमण गले के कैंसर का कारण बन सकता है?
हाँ, मानव पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण गले के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
Q.4 – गले के कैंसर की जांच कैसे की जाती है?
गले के कैंसर की जांच शारीरिक जांच, इमेजिंग टेस्ट (सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन), और बायोप्सी के माध्यम से की जाती है।
Q.5 – गले के कैंसर का उपचार कैसे किया जाता है?
गले के कैंसर का उपचार शल्य चिकित्सा, रेडियोथेरेपी, और कीमोथेरेपी के माध्यम से किया जाता है, जो कैंसर की स्थिति और मरीज की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।