गर्मियों में लू लगना (Heat Exhaustion या लू) एक आम समस्या है, खासकर उत्तर भारत, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार जैसे इलाकों में जहां तापमान 45°C तक पहुंच जाता है।
लू लगना एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान नियंत्रण तंत्र गड़बड़ा जाता है और शरीर डिहाइड्रेशन व गर्मी से थकावट का शिकार हो जाता है।
यदि इसे समय पर पहचाना और इलाज न किया जाए, तो यह हीट स्ट्रोक में भी बदल सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।
इस ब्लॉग में जानिए – लू लगने के संकेत, कारण, बचाव के तरीके और तुरंत राहत के उपाय।
लू लगना क्या होता है?
लू लगना यानी जब आपका शरीर गर्मी को सहन नहीं कर पाता और पसीने के माध्यम से खुद को ठंडा रखने में असमर्थ हो जाता है।
इससे शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है, जिससे थकावट, चक्कर, उल्टी, सिरदर्द जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
लू लगने के मुख्य लक्षण:
लक्षण | विवरण |
अत्यधिक पसीना या पसीना बंद होना | शरीर की ठंडक व्यवस्था फेल हो रही है |
थकावट, शरीर भारी लगना | ऊर्जा की कमी |
सिरदर्द, चक्कर | रक्तचाप गिरने या ब्रेन पर गर्मी का असर |
मिचली, उल्टी | पाचन प्रणाली असंतुलन में |
मांसपेशियों में खिंचाव | इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी |
त्वचा का लाल होना | बाहरी गर्मी का असर |
धड़कन तेज होना | शरीर संघर्ष कर रहा है ठंडा रहने के लिए |
लू लगने के कारण:
- तेज धूप में ज्यादा देर तक रहना
- कठोर शारीरिक श्रम (खासकर धूप में)
- पर्याप्त पानी और नमक न लेना
- गर्मी में भारी कपड़े पहनना
- बंद और गर्म कमरे में रहना (बिना वेंटिलेशन)
- बुखार या पहले से कमजोरी होना
- बिना टोपी, छाता या सिर ढंके बाहर निकलना
कौन होते हैं ज्यादा संवेदनशील?
- छोटे बच्चे
- वृद्ध लोग
- हृदय, अस्थमा या मधुमेह के मरीज
- अत्यधिक वजन वाले लोग
- मजदूर, खिलाड़ी, ट्रैफिक पुलिस
लू लगने के तुरंत घरेलू इलाज (First Aid and Remedies):
यदि किसी को लू लग जाए, तो घबराएं नहीं, ये करें:
1. ठंडी जगह पर लाएं:
- पीड़ित को तुरंत छांव या AC कमरे में ले जाएं
- ज़रूरत हो तो पंखा चलाएं या शरीर पर ठंडा पानी छिड़कें
2. पानी और इलेक्ट्रोलाइट दें:
- ORS, नमक-चीनी का घोल, नारियल पानी या शिकंजी दें
- अगर उल्टी हो रही हो, तो थोड़ा-थोड़ा दें, एक साथ नहीं
3. ठंडे कपड़े या बर्फ लगाएं:
- बर्फ के पैक या ठंडे गीले कपड़े को माथे, गर्दन और कांख पर लगाएं
- इससे शरीर का तापमान जल्दी घटेगा
4. घरेलू पेय:
- बेल का शरबत, आम पना, नींबू पानी, पुदीना पानी दें
- दही और छाछ भी बेहद लाभकारी होते हैं
5. आराम दें:
- पीड़ित को लेटाएं, पैर ऊपर की तरफ रखें
- आराम करें, धूप से पूरी तरह बचाएं
लू से बचाव के घरेलू उपाय:
उपाय | तरीका |
आम पना | कच्चे आम को उबालकर, पुदीना, काला नमक और जीरा मिलाकर दें |
बेल का शरबत | रोज दोपहर में एक गिलास लें – शरीर को ठंडक देता है |
प्याज | जेब में प्याज रखें या खाने में शामिल करें – लू से बचाव करता है |
छाछ या मट्ठा | नमक और हींग डालकर दिन में 2 बार लें |
शिकंजी | नींबू, नमक, चीनी और जीरा – शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है |
नारियल पानी | शरीर में पानी और पोटैशियम की कमी पूरी करता है |
लू लगने पर क्या न करें:
- धूप में दोबारा न निकालें
- ठंडा पानी एकसाथ अधिक मात्रा में न पिलाएं
- कॉफी, चाय या कोल्ड ड्रिंक न दें
- तला-भुना या मसालेदार खाना न खिलाएं
- बर्फ को सीधे त्वचा पर ज्यादा देर तक न रखें
लू से बचने के लिए दिनचर्या में बदलाव:
- 11 बजे से 4 बजे के बीच घर में रहें
- टोपी, चश्मा और सूती कपड़े पहनें
- दिनभर में कम से कम 3 लीटर पानी पिएं
- हल्का, सुपाच्य और ठंडा खाना खाएं
- खाली पेट धूप में न निकलें
- छोटे बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें
डॉक्टरी इलाज कब ज़रूरी है?
- अगर लक्षणों में सुधार न हो
- बार-बार उल्टी हो
- बेहोशी आने लगे
- तेज़ बुखार हो (40°C+)
- उलझन, चक्कर, बोलने में परेशानी हो
ऐसी स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल या क्लिनिक पहुंचें।
लू और हीट स्ट्रोक में अंतर:
लक्षण | लू लगना | हीट स्ट्रोक |
बुखार | कभी-कभी | हमेशा तेज बुखार |
पसीना | अधिक आता है | कभी-कभी पसीना नहीं आता |
होश | रहता है | कई बार बेहोशी |
प्राथमिक इलाज | घर पर संभव | डॉक्टर की जरूरत |
गर्मियों में लू से बचना आपके अपने हाथ में है। थोड़ी सी सावधानी, समय पर पानी और सही पोषण आपको इस समस्या से दूर रख सकता है।
यदि लू लग भी जाए, तो घबराएं नहीं – ऊपर बताए गए घरेलू उपाय और प्राथमिक चिकित्सा से आप तुरंत राहत पा सकते हैं।
FAQs
- लू लगने के कितने समय बाद लक्षण दिखाई देते हैं?
आमतौर पर 1–2 घंटे के भीतर लक्षण दिखने लगते हैं। - लू लगने पर क्या खाना चाहिए?
बेल शरबत, आम पना, नींबू पानी, दही, खीरा, तरबूज जैसी चीजें लाभकारी हैं। - क्या बच्चों को लू से बचाने के लिए कोई खास उपाय है?
हाँ, उन्हें धूप में न निकालें, हल्के कपड़े पहनाएं, बार-बार पानी पिलाएं। - क्या एसी में रहने वालों को लू लग सकती है?
अगर एसी से निकलकर सीधे तेज़ धूप में जाएं, तो शरीर शॉक में जा सकता है। - क्या लू लगना जानलेवा हो सकता है?
हाँ, अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह हीट स्ट्रोक में बदलकर खतरनाक हो सकता है।